मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर जबलपुर का नाम सुनते ही जेहन में संगमरमर की सुंदर, श्वेत एवं धवल पत्थर की चट्टानों का मनोरम स्थल भेड़ाघाट आंखों के सामने घूम जाता है. धुआंधार, बंदरकूदनी, चौंसठ योगिनी, नर्मदा के किनारों की चट्टानें जिन के बीच बहती धारा कलकल करती, भेड़ाघाट के अन्य रमणीय स्थल हैं. जबलपुर से 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भेड़ाघाट ऐतिहासिक स्थल होने के साथसाथ पर्यटन स्थल भी है.
भेड़ाघाट में ठहरने के लिए कई आधुनिक होटल, मोटल्स एवं लौजेज हैं. मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन निगम द्वारा टूरिस्ट मोटल मार्वल रौक्स आप के इस अवसर को हर प्रकार से यादगार अवसर बनाए रखने का पूरा प्रयास करता है. अक्तूबर से जुलाई तक का समय भेड़ाघाट की यात्रा के लिए उचित है जब धुआंधार का जल तथा गिरते पानी की गहराई अपनी चरम पर होती है. जबलपुर से भेड़ाघाट जाने के लिए टैक्सी, टैंपो, बस आदि रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन से हमेशा मिल जाते हैं जो लगभग 1 घंटे में भेड़ाघाट पहुंचा देते हैं. जबलपुर दिल्लीग्वालियर हवाईमार्ग से भी जुड़ा है.
इन्हीं खूबियों के चलते जबलपुर का भेड़ाघाट देशविदेश के पर्यटकों का मुख्य दर्शनीय स्थल बन चुका है.
दर्शनीय स्थल
मदनमहल, संग्राम सागर, पिसनहारी की मढि़या, गांधी स्मारक आदि जबलपुर के आसपास के अन्य पर्यटन स्थल हैं जो 15 से 20 किलोमीटर के अंदर ही हैं. पर्यटन विभाग द्वारा चलाई जा रही बसों से आप इन पर्यटन स्थलों को आराम से देख सकते हैं.
मैं, मेरे पति तथा पुत्र पिछले कई दिनों से भेड़ाघाट देखने का कार्यक्रम बना रहे थे. हम दिल्ली से ट्रेन द्वारा जबलपुर सवेरे ही पहुंच गए थे. वहां एक होटल में हम ने कमरा बुक करा लिया. होटल के पास ही भेड़ाघाट आनेजाने के लिए हम ने एक टैक्सी तय कर ली.
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