अरब सागर के किनारे बसा कर्नाटक अपनी भव्यता और सौंदर्य आज भी बरकरार रखे हुए है. यहां स्थित विशाल महल, उस के गुंबद और उस की मीनारें इतिहास की सजीव झांकी प्रस्तुत करती हैं. यहां की मनोहारी आबोहवा, बागबगीचे, झरने, झीलों ने इस प्रदेश को बेहिसाब खूबसूरती प्रदान की है.

मैसूर
बेंगलुरु से 140 किलोमीटर दूर स्थित मैसूर महिषासुर का कालांतर में बदला हुआ नाम है. मैसूर को राजमहलों का महानगर व गंधादागुडी (सुगंधि लोक) भी कहा जाता है. यहां अगरबत्ती व चंदन आदि के सामान विश्वप्रसिद्ध हैं. यहां पर लंबे अरसे तक शासन करने वाले महान वोडियार सम्राटों का मैसूर महल भारत के सब से बड़े व संपन्नतम राजमहलों में से एक है. ब्रिटेन के राजमहल बर्किंघम पैलेस की निर्माण शैली से प्रभावित व उत्कृष्ट हिंदूमुसलिम शिल्पकला के संगम से इस का निर्माण करवाया गया था.

यहां का दशहरा बहुत ही भव्य होता है, जिसे देखने के लिए विदेशों से पर्यटक खासतौर पर आते हैं. दशहरे के दौरान मैसूर महल भव्य रंगरूप से सजा रहता है और अनेक समारोह आयोजित किए जाते हैं. मैसूर के निकट स्थित कृष्णराजा सागर बांध पर निर्मित भव्य वृंदावन गार्डन सैलानियों को रिझाता है. 1950 से 1960 के बीच बनी अनेक फिल्मों में ज्यादातर रोमांटिक गानों की शूटिंग यहीं पर हुई है. यहां का खूबसूरत नजारा देखने के साथसाथ आप साथ में नौकायन भी कर सकते हैं.

बेंगलुरु
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की गणना भारत के 5वें सब से बड़े व सुविधाजनक महानगर में की जाती है. पर्यटन की दृष्टि से बेंगलुरु की गणना मुंबई के बाद सर्वाधिक आकर्षक स्थल के रूप में की जाती है. इसीलिए फिल्म वाले भी अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए बेंगलुरु और इस की निकटवर्ती रम्य पहाडि़यों (ऊटी, कोटागिरि, कुनूर आदि) को बहुत उपयुक्त समझते हैं. यहां बारहों महीने फिल्मों की शूटिंग्स होती रहती हैं.

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