अजंता-एलोरा की गुफाओं की यात्रा एक शानदार अनुभव है. यदि आप कलाप्रेमी हैं और पुरातनकाल की ऐतिहासिक धरोहरों व कलाकृतियों के प्रशंसक हैं तो अजंता-एलोरा आप के लिए एक बहुत अच्छा पर्यटन स्थल है. इन गुफाओं को 1983 में वर्ल्ड हैरिटेज की सूची में शामिल किया जा चुका है. यहां की गुफाओं में की गई नायाब चित्रकारी व मूर्तिकला अपनेआप में अद्वितीय है.
औरंगाबाद से तकरीबन 2 घंटे की ड्राइव में टैक्सी से अजंता की गुफाओं तक पहुंचा जा सकता है. विश्वप्रसिद्ध अजंता-एलोरा की चित्रकारी व गुफाएं कलाप्रेमियों के
लिए हमेशा से ही आकर्षण का प्रमुख केंद्र रही हैं. विशालकाय चट्टानें, हरियाली, सुंदर मूर्तियां और यहां बहने वाली वाघोरा नदी यहां की खूबसूरती में चारचांद लगाती हैं.
अजंता में छोटीबड़ी 32 प्राचीन गुफाएं हैं. 2,000 साल पुरानी अजंता की गुफाओं के द्वार को बहुत ही खूबसूरती से सजाया हुआ है. घोड़े की नाल के आकार में निर्मित ये गुफाएं अत्यंत ही प्राचीन व ऐतिहासिक महत्त्व की हैं. खूबसूरत चित्रों और भव्य मूर्तियों के अलावा यहां सीलिंग पर बने चित्र अजंता की गुफाओं को एक नया सौंदर्यबोध देते हैं. इन शानदार कलाकृतियों को बनाने में कौन सी तकनीक इस्तेमाल की गई होगी, यह अभी तक रहस्य बना हुआ है. इस पहेली को सुलझाने के लिए विश्वभर के लोग यहां आते हैं.
वाघोरा नदी यहां की खूबसूरती में और चारचांद लगा देती है. कहा जाता है कि गुफाओं की खोज आर्मी औफिसर जौन स्मिथ व उन के दल ने 1819 में की थी. वे यहां शिकार करने आए थे. तभी उन्हें कतारबद्ध 29 गुफाएं नजर आईं. इस के बाद ही ये गुफाएं पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गईं. यहां की सुंदर चित्रकारी व मूर्तियां कलाप्रेमियों के लिए अनमोल तोहफा हैं.