अगर आप किसी अडल्ट कंटेंट वाली वेबसाइट पर जा रहे हैं तो सबसे पहले फेसबुक लॉग आउट कर दें. हो सकता है कि आपको ट्रैक किया जा रहा हो. इसकी संभावना तब और बढ़ जाती है, जब उस पॉर्न साइट पर फेसबुक का प्लगइन लगा हो. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि फेसबुक लगातार ये ट्रैक करता है कि आप कौन-सी वेबसाइट्स सर्फ कर रहे हैं. इस इंफॉर्मेशन के बेसिस पर ही फेसबुक आपकी पसंद नापसंद पता करता है और आपको ऐड दिखाता है. ये आपके लिए सिक्युरिटी और प्राइवेसी का भी मामला है, जिसको अनदेखी नहीं करना चाहिए.
कैसे बचें-
अगर आप चाहते कि फेसबुक ऐड्स के लिए आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री को ट्रैक न किया जाए, तो इसका भी एक रास्ता है. आप पॉर्न वेबसाइट्स सर्फ करने से पहले फेसबुक लॉग आउट कर दें. लेकिन, फेसबुक फिर भी पता लगा लेगा कि आप किसी पॉर्न साइट पर थे, यह अलग बात है कि वह उसके हिसाब से आपको ऐड नहीं दिखाएगा. इसलिए बेहतर होगा कि आप ऐसा कुछ करने से पहले फेसबुक लॉग आउट कर लें.
क्या कहती है रिपोर्ट
'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक 7 साल पहले फेसबुक ने कहा था कि Like और Share बटन को यूजर्स को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. 2011 में फेसबुक ने कहा, हम सोशल प्लगइन्स की जानकारी को 90 दिनों में डिलीट कर देते हैं और उसे किसी को नहीं बेचते. लेकिन बाद में सोशल मीडिया साइट ने अपना मन बदलते हुए Like, Share और Login With Facebook विजट से यूजर्स पर नजर रखना शुरू कर दिया. जब कभी आप कोई Like या Share बटन वाला ऐप या वेबसाइट इस्तेमाल करते हैं तो उस डेटा को ALAMY नाम की फर्म कैप्चर करती है.
क्या है फेसबुक की पॉलिसी
फेसबुक की डेटा पॉलिसी में साफ लिखा है, 'हम उस वक्त इन्फर्मेशन कलेक्ट करते हैं, जब आप उन थर्ड पार्टी ऐप्स या वेबसाइट्स पर जाते हैं, जो हमारी सर्विसेज (लाइक बटन या फेसबुक लॉगइन) इस्तेमाल करती हैं. उन वेबसाइट्स या ऐप्स पर हमारी सर्विसेज के इस्तेमाल की जानकारी शामिल होती है.
एंड्रॉइड में है ज्यादा खतरा
– एंड्रॉइड का एनक्रिप्शन iOS के मुकाबले काफी वीक है.
– iOS के मुकाबले एंड्रॉइड स्मार्टफोन से पर्सनल डिटेल, बैंकिंग डिटेल और अन्य इंफॉर्मेशन हैक होने का खतरा ज्यादा होता है.
– एक रिपोर्ट के मुताबिक एंड्रॉइड स्मार्टफोन्स पर पॉर्न देखने वालों का पर्सेंटेज सबसे ज्यादा है.
– टोटल 49.9 पर्सेंट एंड्रॉइड यूजर्स पॉर्न देखते हैं और यही काउंट iOS में 40.2 पर्सेंट हैं.
– विंडोज यूजर्स की बात की जाए तो ये नंबर सिर्फ 6 पर्सेंट है दूसरी तरफ ब्लैकबेरी यूजर्स सिर्फ 1.4 पर्सेंट.