एक शोधकर्ता ने एक ऐसा जूता तैयार किया है जो दृष्टिबाधित लोगों के साथ-साथ किसी भी व्यक्ति को रास्ता बता सकता है. इससे लोगों का कहीं भी आना-जाना आसान हो सकेगा. इस जूते को ‘लेचल’ नाम दिया गया है.
मिशिगन यूनिवर्सिटी से स्नातक और हैदराबाद से ताल्लुक रखने वाले क्रिस्पेन लॉरेंस ने हैप्टिक तकनीक की बदौलत दृष्टिबाधित लोगों का कहीं भी आना-जाना आसान बनाने के बारे में सोचा. हैप्टिक तकनीक से बल, कंपन या गति का इस्तेमाल कर उपयोक्ता को स्पर्श का ज्ञान कराया जा सकता है.
उन्होंने महसूस किया कि फोन में इस्तेमाल होने वाला जीपीएस उपयोक्ताओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करता है. इसके बावजूद कई लोग भटक जाते हैं. लॉरेंस ने कहा, हमने साल 2011 में इसकी शुरुआत की थी. तब लेचल महज एक विचार था, जिसे हम साकार करना चाहते थे. हमने इस पर जितना काम किया, उतने ही नमूने तैयार हुए. हमने उन सभी का परीक्षण किया. तब हमने यह महसूस किया कि यह केवल दृष्टिबाधित लोगों की बजाय सबके काम की चीज हो सकता है.
उन्होंने पाया कि सामान्य लोग भी जीपीएस के जरिये रास्ते पर आगे बढ़ने में सहज नहीं रहते और तकनीक की गिरफ्त महसूस करते हैं. वह लोगों को इस असुविधा से मुक्त करना चाहते थे. लॉरेंस के अनुसार, यही विचार ‘लेचल’ जूतों के निर्माण की प्ररेणा बने.
लॉरेंस ने कहा, लेचल जूते दरअसल पहनने वाली एक तकनीक हैं. ये आपके शरीर का एक विस्तार हैं. अब तक ऐसी जो तकनीकें रही हैं, वे ज्यादातर सुनने या देखने पर आधारित रही हैं. हमने महसूस किया कि स्पर्श की क्षमता सबसे शक्तिशाली होती है, लेकिन तकनीक के निर्माण में उसका पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया है.