आजकल फेसबुक, व्हाट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया पर लोग टेक्सड लिखने के बजाए ‘इमोजी’ यानी स्माइली का प्रयोग करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. चैटिंग में रिप्लाई करना हो तो इमोजी, फोटो पर कमैंट करना हो तो इमोजी, युवाओं ने तो ‘इमोजी’ से अपनी एक अलग भाषा ही बना ली है.

पर क्या आप जानते हैं. चैटिंग के दौरान जो लोग ‘इमोजी’ का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं, उन के दिमाग में हर समय सैक्स सवार रहता है. हैरान रह गए न? लेकिन यह सच है, डेटिंग वेबसाइट मैच डौट कौम की नई शोध के मुताबिक वे लोग, जो लगभग हर टेक्स्ड मैसेज में ‘इमोजी’ का इस्तेमाल करते हैं, उन का दिमाग हर समय सैक्स के बारे में सोचता है. 5000 लोगों पर किए गए इस सर्वे में 36-40 प्रतिशत लोग ऐसे थे जो मैसेज में एक से ज्यादा ‘इमोजी’ यूज करते थे. ये लोग दिन में कई बार सैक्स के बारे में सोचते थे, वहीं जो लोग सैक्स के बारे में कभी नहीं सोचते थे, उन के मैसेज में इमोजी का यूज बहुत कम था.

मजेदार इमोजीघटा रहा है क्रिएटिवी

‘इमोजी’ भले ही चैट के दौरान मजेदार अनुभव देता है, लेकिन यह हमारे लिखने और सोचने की क्रिएटिवी को घटा रहा है. इस के इस्तेमाल से हम शब्दों में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असफल हो रहे हैं, यह काम दौरान हमारा ध्यान भटकाने के साथ ही सामने वाले व्यक्ति को यह भी बताता है कि आप उस से बात करने में इंटरेस्टेड नहीं हैं.

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