स्मार्टफोन और लैपटॉप की आदत-सी हो गई है. लेकिन क्या आपको पता है कि रात को सोने से कम से कम 1 घंटे पहले मोबाइल फोन अपने पास से दूर कर देना चाहिए, नहीं तो हेल्थ से जुड़ी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. UCLA स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर डैन सीगल के अनुसार, रात में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से नींद से जुड़ी कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है. गैजेट्स का इस्तेमाल हमारे काम को आसान बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन अगर आप इन्हें जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो इससे कई बीमारियां भी हो सकती हैं. हम आज आपको बताने जा रहे हैं गैजेट्स से होने वाली बीमारियों और उनसे बचने के तरीकों के बारे में.

1. कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम

हमारी आंख इस तरह से नहीं बनीं कि हम किसी भी एक प्वाइंट पर घंटों देखते रहें और उसे कोई नुकसान न पहुंचा. लगातार घंटों कम्प्यूटर स्क्रीन पर देखते रहने से आपको कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम हो सकता है. इसमें आंखों में थकान, इचिंग, रेडनेस और धुंधला दिखाई देने की समस्या हो सकती है.

क्या करें-

आप चाहें किसी भी गैजेट का इस्तेमाल कर रहे हों, चाहें स्मार्टफोन या कम्प्यूटर या टैबलेट, अपने गैजेट की डिस्प्ले सेटिंग्स बदलिए. अगर कम्प्यूटर में ब्राइटनेस, शार्पनेस, या कलर बढ़े हुए हैं तो उसे कम कीजिए. ज्यादा ब्राइट या शार्प स्क्रीन यूजर्स की आंखों पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है.

इसके अलावा, अगर गैजेट का फॉन्ट साइज बहुत छोटा है तो यूजर्स को लंबे डॉक्युमेंट्स पढ़ने में परेशानी होगी. इसलिए अपने गैजेट की डिस्प्ले सेटिंग्स को ऐसा सेट कीजिए जिससे आंखों को नुकसान कम हो. अगर आपकी स्क्रीन HD है तो 45% कलर और ब्राइटनेस से भी अच्छी डिस्प्ले क्वालिटी आएगी और आंखों को नुकसान कम होगा.

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