पिछले तीन दिनों से हिमालयन श्रेणी से जुड़े राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किये गये, जिसमें जान माल की कोई भी हानि तो नहीं हुई, लेकिन भूकंप के झटकों का लगातार आना विचार करने का विषय है. यह सभी राज्य भूकंप के खतरे के लिहाज से जोन 5 में आते हैं. यदि भूकंप का केंद्र इन राज्यों का कोई भी क्षेत्र होगा, तो दिल्ली को भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

दिल्ली में  दर्जनों ऊंची इमारतें, कई बहुमंजिला आवास और अनाधिकृत कॉलोनियां हैं और साथ ही कई बड़े होटल भी हैं. इन सभी स्थानों में सभी प्रान्त एवं उम्र के लोग रहते हैं. लगभग 80 लाख लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं. भूकम्प एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसके आने का अंदेशा लगाना मुश्किल है और यदि पता भी चल जाये तो जान माल की हानि को कम नहीं किया जा सकता है. लेकिन अब एक ऐसी जर्मन डिवाइस भारत में आ चुकी है, जिसकी सहायता से माल की क्षति को तो कम किया ही जा सकता है, लेकिन कई जानें भी बचाई जा सकती हैं.

हाल ही में हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ स्थित अपने मिनी सचिवालय और गुरुग्राम स्थित हिपा के दफ्तर में टेरा टेककॉम की मशीन को इंस्टाल किया, जो कि भूकंप के आने से कुछ समय पहले सूचित करती है. यह मशीन भारत में टेरा टेककॉम नामक कंपनी अपने जर्मन पार्टनर सेक्टी लाइफ पैट्रन के साथ लायी है और पिछले दस सालों में इस मशीन को विश्व के 26 देशों में लगाया जा चुका है. साथ ही आज तक इस मशीन ने भूकंप के सटीक अनुमान ही लगाएं हैं और सही समय पर अलार्म सूचित किया है.

मशीन में लगा सायरन लोगों को इमारत को खाली करने के लिए अलर्ट कर देगा और आवश्यक जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे. हरियाणा सरकार इस मशीन को सरकारी एवं कई और जगहों पर लगाने पर विचार कर रही है. यह मशीन भूकम्प की तीव्रता के अनुसार भूकंप की प्राइमरी तरंगों को भांप कर तुरंत अलार्म कर देगी, जिससे लोगों के पास भवन से बाहर निकलकर अपनी जान माल बचाने का कुछ समय होगा.

ऐसे में अगर हम बात करें दिल्ली की तो, दिल्ली में बसे लाखों लोग अनाधिकृत कॉलोनियों और घने आबादी वाली जगह में रह रहे हैं, साथ ही यहां मौजूद कई नामी-गिरामी होटलों में दुनिया भर से आये लोग रुकते हैं. पूरे दिल्ली/एनसीआर में लगभग 46 पांच सितारा होटल हैं, जिनमे एक होटल में प्रतिदिन 3000 लोगों का आवागमन होता है. यही नहीं इन सभी होटलों में अन्य देशों के लोगों का भी बसेरा होता है, जिन्हें सभी सुविधाएं प्राप्त होती हैं, सिवाय उनके जान-माल की, जिनकी इस तरह की आपदा में उनके जान माल की सुरक्षा का कोई विकल्प नही है. यदि दिल्ली में भी इस मशीन को बड़े पैमाने पर लगाने की कवायद शुरू की जाए, तो लाखों लोगों की जान को बचा सकते हैं और होटल में भूकम्प पूर्व सूचना यंत्र लगाने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

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