फेसबुक पहले से ही कैम्ब्रिज एनालिटिका डेटा स्कैंडल में फस चुका है और अब भी वह सवालों के घेरे में है. उसने भले ही कैम्ब्रिज एनालिटिका डेटा स्कैंडल के लिए माफी मांग ली हो लेकिन लगता है कि वह अपने कारनामों से इतनी जल्दी बाज आने वाला नहीं है. तभी तो डेटा लीक के मामले में माफी मांगने के बाद भी वह वापस ले एक और मामले में फंस गया है. हाल ही में रिपोर्ट आई थी कि मोबाइल कंपनियों के साथ भी फेसबुक यूजर डेटा शेयर कर रहा है जिनमें चीनी स्मार्टफोन मेकर्स भी शामिल हैं. अब भारत सरकार ने इन रिपोर्ट्स को गंभीरता से लेते हुए फेसबुक से इस मुद्दे पर विस्तृत जानकारी मांगी है.

जानें क्या है पूरा मामला मामला

एक रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक ने हाल ही में कहा था कि कंपनी ने चार चीनी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है, जिसमें डेटा शेयर भी होता है. इनमें हुआवे भी शामिल है जो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी है. उल्लेखनीय है कि चीनी मोबाइल कंपनी हुआवे को अमेरिका सुरक्षा एजेंसियों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया है. हुआवे पर पहले से ही अमेरिका में जांच चल रही है और वहां इसके मोबाइल फोन्स को बैन भी किया गया है. अमेरिकी सांसदों ने फेसबुक द्वारा चीनी कंपनियों के साथ किए गए इस तरह के समझौतों को लेकर चिंता जताई है.

फेसबुक ने कहा है कि हुआवे, लेनोवो ग्रुप, ओप्पो और टीसीएल ग्रुप्स दुनिया भर की उन 60 कंपनियों में से हैं, जो कौन्ट्रैक्ट्स के तहत फेसबुक का कुछ यूजर डेटा ऐक्सेस करती हैं. फेसबुक ने यह भी बताया कि चीनी कंपनियों के साथ समझौता उन्हें (कंपनियों) दोनों उपकरणों के उपयोगकर्ताओं और उनके दोस्तों के धार्मिक और राजनीतिक झुकाव, काम एवं शैक्षिक जानकारी तथा रिलेशनशिप स्टेट्स सहित विस्तृत जानकारी तक पहुंचने की अनुमति देता है. इस तरह की अनुमति की पेशकश ब्लैकबेरी को भी की गई है. फेसबुक का कहना है कि, ‘ये समझौते 2010 से पुराने हैं लेकिन हुआवे के साथ समझौता सप्ताह के अंत तक खत्म हो जाएगा.’

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