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उस के कालेज में ऐसा कुछ ग़लत हो रहा है, उन के कालेज का कोई भी बच्चा ड्रग्स या किसी अन्य गलत गतिविधियों में लिप्त है. इतना ही नहीं, मैनेजमैंट ने साफतौर पर आहान का रूम बदलने से भी इनकार कर दिया. मैनेजमैंट के आगे आहान और उस के अभिभावक को घुटने टेकने पड़े और वे आहान को वहीं कालेज में भारीमन से डरते हुए छोड़ कर चले ग‌ए.

आहान सही होते हुए भी तथा उन सभी लड़कों की गलतियां सिद्ध करने के बावजूद खुद को सही साबित नहीं कर पाया और उसे रोहन व शशांक संग उसी कमरे में मजूबरन रहना पड़ा. आहान के मातापिता को अभी कालेज कैंपस छोड़े चंद घंटे ही हुए थे कि रोहन, शशांक, मोहित, ऋषभ और कुछ लड़के आहान के रूम में आ धमके और पढ़ाई कर रहे आहान से शशांक बोला-

"क्यों बे पाकिस्तानी, तुझे हमारे साथ नहीं रहना है, तू हमारी कंप्लेन मैनेजमैंट से करने गया था कि हम तुझे परेशान करते हैं, हम ड्रग्स लेते हैं." तभी रोहन बोला-

"साले, तुम सभी आतंकवादी, देशद्रोही हमारे ही देश में रह कर हमें आंख दिखाते हो"

आहान को समझ ही नहीं आ रहा था कि अचानक ये सभी पाकिस्तानी, आंतकवादी और देशद्रोही जैसे शब्दों का इस्तेमाल उस के लिए क्यों कर रहे हैं. उस दिन के बाद आहान को इस तरह से ही पुकारे जाने का सिलसिला शुरू हो गया जो थमने का नाम ही नहीं ले रहा था बल्कि बढ़ते ही जा रहा था. ये सभी लड़के आहान को मानसिक रूप से परेशान करने लगे. उसे पढ़ने भी नहीं देते. हमेशा उस के आसपास ही मंडराते रहते और जब भी आहान पढ़ने बैठता, उसे परेशान करने की मंशा से कभी लाइट बंद कर देते तो कभी बेवजह शोर मचाने लगते, कभी म्यूजिक चलाने लगते.

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