नांबियर ने सब तैयार कर दिया था. मैं ने महसूस किया कि जब मैं दूसरी तरफ देख रही होती हूं तो वह कनखियों से मुझे देखता है. पर उस की नजरों में ऐसा कुछ नहीं था जैसे कैप्टन नसीर की नजरों में था. मैं इस कुदरती आकर्षण को जानती हूं, इस में मुझे कोई एतराज नहीं था.
डाइनिंग इन पार्टी के लिए मैं समय पर तैयार हो गई. कैप्टन रमनीक मुझे एस्कोर्ट करने आए. अफसर मैस में सभी मेरा इंतजार कर रहे थे. सभी ने उठ कर मेरा स्वागत किया. औरों की तरह मैं ने भी व्हिस्की पी. सभी यह जानने को इच्छुक थे कि लेह में मेरा क्या पोर्टफोलियो था. मैं ने बताया, “मैं वर्कशौप अफसरथी. पार्टी बड़े हलके मूड में चल रही थी. कोई इनफौर्मल नहीं था कि मैं अनकंफरटेबल महसूस करती. 9 बजे डिनर किया और अपने कमरे में आ गई. सुबह 6 बजे नांबियर चाय ले कर आया.
पानी दिया, फिर चाय डालकर दी. गीजर औॅन किया, मेरी ड्रैस तैयार की. बूट,बेल्ट पोलिश कर के चला गया.मैं समय पर नाश्ता कर के कंपनी औफिस पहुंची.बाहर खड़े संतरी ने मुझे सैल्यूट किया. मैं ने उस कानाम पूछा, “सिपाही हवा सिंह, मैम.”मैं अपनी कुरसी पर आ कर बैठी.‘‘मैम, मैं भीतर आ सकता हूं.’’“आइए.”“मैं सूबेदार करतार सिंह, यहां का हैड कर्लक हूं. आप के अंडर मुझे काम करने का मौका मिल रहा है. आप का स्वागत है, मैम.’’“थैंक्स साहब, आप बैठें. आप कहां के रहने वाले हैं?”‘‘मैं पंजाब के जिला गुरदासपुर के कलानौर कसबेका रहने वाला हूं.’’ “चलो, अच्छा लगा. मैं भी गुरु की नगरी अमृतसर से हूं. आप मेरे आदेशों को ठीक से समझ पाएंगे.”‘‘जी, मैम.’’“सारा स्टाफ आ गया होगा.
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