शकील ने जैसेतैसे कर के खोली किराए पर ली थी मगर दीबा के आंसुओं के पीछे छिपे भय से वह दूसरी जगह रहने को विवश हो गया. और वहां पर पहली छत के काले साए फिर से सिर पर सवार होते देख वह सिर पकड़ कर ही बैठ गया. पढि़ए, मो. मुबीन की लिखी कहानी.