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‘‘हार कर मैं ने क्षितिजा के पापा को उस के औफिस तक भेजा और जब उन्होंने वहां ताला लगा देखा तो वे भी घबरा गए. जब वहां के वाचमैन से पूछा तो वह कहने लगा कि हां क्षितिजा आई तो थी पर फिर बौस के साथ ही उन की गाड़ी में बैठ कर चली गई. माथा ठनका कि फिर उस के बौस ने झूठ क्यों बोला... रात

के 12 साढ़े 12 बजे तक, जब किसी की जवान बेटी घर से बाहर हो और उस का फोन भी न लग रहा हो तो जरा सोचिए उन मांबाप पर क्या बीतेगी?

‘‘चिंता के मारे भूखप्यासनींद सबकुछ हवा हो चुका था हमारा. पूरी रात हम ने आंखों में काट दी. सोचा सुबह होते ही पुलिस में इतला कर देंगे. तभी दरवाजे की घंटी बजी. मैं ने दौड़ कर दरवाजा खोला और फिर जो देखा, उसे देख कर सन्न रह गई. क्षितिजा के कपड़े अस्तव्यस्त थे और वह दीवार से लग कर खड़ी मुझे एकटक निहार रही थी.

‘‘मैं पहले उसे अंदर लाई और फिर झट से दरवाजा बंद कर दिया ताकि कोई देख न ले. समझ में तो आ ही गया था मुझे, फिर भी मैं ने पूछा कि कहां चली गई थी बेटा और तुम्हारा फोन भी नहीं लग रहा था? क्या तुम्हारे बौस को... बौस का नाम सुनते ही वह फूट पड़ी. उस की आंखों से झरझर कर आंसू बहने लगे.

‘‘मैं ने इसे झंझोड़ कर पूछा कि क्या हुआ बता? किसी ने तेरे साथ... पर कुछ बोलने से पहले ही वह बेहोश हो गई. जल्दी से हम उसे अस्पताल ले आए. डाक्टर ने जांच कर बताया कि उस के साथ बलात्कार हुआ है. यह सुन कर हमारे पैरों तले की जमीन खिसक गई कि कुछ दिन बाद सगाई होने  वाली थी...यह उस के साथ क्या हो गया? सदमे से वह बारबार बेहोश हो रही है तो हम उस से पूछते क्या कि किस ने उस के साथ ऐसी घिनौनी हरकत की? कुछ ठीक होने पर जब मैं ने पूछा कि वह तो अपने बौस को कोईर् फाइल देने गई थी, तो फिर ये सब कैसे हुआ और किस ने किया?

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