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‘मुग्धा ने मुझे बताया कि हमारी शादी के पहले से आप दोनों का प्रेम संबंध चल रहा था और शादी के बाद भी आप दोनों के बीच का संबंध टूटा नहीं था.

‘मुग्धा ने मुझे सब सच बता दिया था शिशिर, कि किस प्रकार आप दोनों ने मुझ पर चरित्रहीन होने का झूठा आरोप लगाया था, ताकि आप मुझे आसानी से तलाक दे कर मुझ से छुटकारा पा सकें. आप ने एक बार मुझ से कहा तो होता कि आप मुग्धा से प्रेम करते हैं और उस से शादी करना चाहते हैं. मैं खुद ही सदा के लिए आप के जीवन से चली जाती. जब मैं आप से एक बार मेरी बात सुनने की मिन्नतें करती थी, उस वक्त आप और मुग्धा मेरी बेबसी और आंसुओं का मजाक उड़ाते होंगे. क्या आप के अंदर लेशमात्र भी इंसानियत बाकी नहीं रही थी?

‘खैर, अब तो आप दोनों खुश होंगे न, आखिर, आप की योजना सफल जो हो गई है. यदि मैं चाहती तो यह सच सब को बता सकती थी, शिशिर. मगर, मैं ने ऐसा नहीं किया, क्योंकि आप के बूढ़े, शरीफ मातापिता आप का यह रूप देख कर खुद को संभाल न पाते. वैसे भी, आप और मुग्धा वाकई एकदूसरे के लिए ही बने हैं. आप ने मुझे चरित्रहीन कहा था न, शिशिर, तो फिर आप और मुग्धा क्या हैं? बहुत अच्छा हुआ, जो आप का असली चेहरा मेरे सामने आ गया. मैं ने आप के लिए बहुत आंसू बहा लिए. लेकिन अब, आज के बाद मेरी आंखों से आप के लिए एक भी आंसू नहीं गिरेगा, क्योंकि आप इस के लायक ही नहीं हैं. दिल तो चाह रहा था कि आप को बहुत कोसूं, लेकिन अब वह भी नहीं करूंगी.

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