Sad Hindi Story : काश, यह सपना ही होता क्योंकि मेहंदी का रंग हलका भी नहीं हुआ था, मन की हसरतें पूरी भी न हुई थीं और प्रियांश का पार्थिव शरीर कल्याणी के सामने था.

बाहर मीडिया का शोर है. उस से ज्यादा शोर कल्याणी के हृदय में मच रहा है. कितना कुछ है उस के भीतर, उसे समझ ही नहीं आ रहा है कि वह कहां है. एक पल वह कमरे में चल रहे एसी से खुद को यकीन दिलाती है कि वह पहाड़ों की ठंडी हवाओं में नहीं, मैदानी इलाके में वापस लौट आई है और दूसरे ही पल उसे लगता है कि उस ने एक खौफनाक सपना देखा है और नींद खुल जाने से उस की जान बच गई है. कभी उस के जेहन में खयाल आता है कि अभी उस की शादी ही कहां हुई हैं, अभी तो उस के हनीमून की जगह ही फाइनल नहीं हो पाई है.
प्रियांश भी तो फोन पर यही कह रहा था- ‘सुनो, एक बात तो पूछनी ही रह गई?’
‘यही घंटाभर पहले ही तुम ने कितने प्रश्न किए थे- कौन सा रंग पसंद है? कौन सी मिठाई पसंद है? कौन सी किताब पसंद है? अब और क्या रह गया है? मुझे तो लगता है तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड कभी रही ही नहीं.’
‘तुम ऐसा कैसे कह सकती हो?’
‘क्योंकि जो बातें तुम मुझ से पूछते हो न, वह टीनऐजर एकदूसरे से पूछते हैं. हमारी 2 महीने में शादी होने वाली है. कुछ मैच्योर बातें करो.’
‘तुम्हीं बता दो न फिर, वह मैच्योर बातें,’ प्रियांश ने कहा.
‘हम लोग हनीमून पर कहां चलें, यह पूछो तो लगे भी कि होने वाले पतिपत्नी की बातें हैं.’
‘ओह हां, दरअसल पूछना तो यही चाहता था मगर वह गले में अटक कर रह जा रहा था,’ प्रियांश ने झिझक कर कहा.
‘सो स्वीट, तुम कितने सौम्य हो, वह गाना सुना है- ‘बड़ा भोला सा है दिलबर...’ मुझे तो लगता है कि तुम शादी के बाद भी मुझ से पूछे बिना मेरा हाथ नहीं पकड़ोगे, कहोगे, ‘सुनो, क्या मैं तुम्हारा हाथ थाम सकता हूं’.’
‘उड़ा लो मजाक, शादी के बाद ही तुम्हें पता चलेगा कि मेरी पकड़ कितनी मजबूत है. अभी तो तुम पराई ही हो मेरे लिए. एक बार हमारी शादी हो जाए, फिर देखना, मेरे हाथों की पकड़. अरे देखो न, जो पूछना था वह तो रह ही गया.’
‘हनीमून की जगह न? मैं हनी हूं और तुम मून हो. जब हम दोनों एकसाथ हो जाएंगे तो वह जगह हनीमून की, अपनेआप ही हो जाएगी. उस के लिए क्यों परेशान हो?’ कल्याणी खिलखिलाई.
‘तो ठीक है मैं बेकार ही एक हफ्ते से टूर एंड ट्रैवल के साथ माथापच्ची करने में लगा हुआ था. सोच रहा था कि तुम्हें सरप्राइज दूंगा. लेकिन मेरे दोस्त तिमिर ने कहा, ‘यार, ऐसी गलती न करना. मैं ने अपनी सुहागसेज लाल गुलाब से भर दी थी और मेघना की छींकछींक कर हालत खराब हो गई. पता चला कि उसे गुलाब क्या हर फूल से एलर्जी है. वह दवा खा कर सो गई और अपनी सुहागरात की ऐसीतैसी हो गई.’
‘अब समझ आया कि फल, फूल, मिठाई के बहाने तुम मेरी एलर्जी का पता लगाना चाहते हो. तो सुनो, न तो मुझे किसी फल, फूल से एलर्जी है और न ही पहाड़ की चोटियों व समुद्र की गहराइयों में जाने से कोई डर या फोबिया है.’
‘तब ठीक है, मैं ने अंडमान और कश्मीर यानी या तो अपने देश के नक्शे में टौप पर या एकदम चरणों में बिछे हुए आइलैंड को फाइनल किया हुआ है. दोनों में से कौन सी जगह है, अब यह सीक्रेट रहेगा,’ प्रियांश ने उत्साह से भर कर कहा.
‘अभी 2 महीने बाकी हैं, देखती हूं तुम्हारे पेट में कितने दिनों तक बात पचती है.’

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