ऐ खूबसूरत पल
बंद कर लूं तुझे मुट्ठी में
जी लूं तुझे जी भर के
महसूस कर लूं
प्यार का रेशमी एहसास
जगा लूं कुछ देर और
जीने की आस
वो सपना जो बंद था कभी पलकों में
छू के महसूस कर लूं उसे
बुझा लूं आज वो
अनबुझी सी प्यास
भीग जाने दो मुझे
चाहतों की बारिशों में
आज पूरी कर लूं
वो अधूरी गजल
जो उगा है सूरज
खिले अरमानों के उजालों वाला
ओढ़ लेने दो
इस की किरणों को मुझे
ढल जाने दो
अब अंधेरी रात
– अंजु जायसवाल
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