कल वो गए आज हमारी बारी है
ये आनाजाना तो जमाने की फनकारी है
दुआओं के भरोसे कौन जीता है
मेहनतकशों ने खुद जिंदगी संवारी है
पहले प्यार का नशा अजीब होता है
उम्रभर रहती उस की खुमारी है
मौत का डर किसे दिखाते हो यारो
मौत से अपनी बचपन से यारी है
साहिल के पास आ कर भी कश्ती डूब गई
डूबने वालों की तकदीर न्यारी है
मुश्किल है अब तो देव का बचना
इश्क की तलवार दोधारी है.
- डा. तेजपाल सोढ़ी देव
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
(1 साल)
USD48USD10

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
(1 साल)
USD100USD79

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और