Online Hindi Story : अपने ससुर उमाशंकर की बात सुन कर चिंकी बेचैन हो गई थी. ससुराल में बहू को जला कर मार डालने की खबरें आएदिन अखबारों में छपती ही रहती हैं. अब तो वह बाथरूम में रखी मिट्टी के तेल की बोतल जबजब देखती विचार उस के मन में तबतब गलत आ जाते.

उमाशंकर ने ठठा कर हंसते हुए कहा, ‘‘जिस घर में बहुएं हों वहां मिट्टी का तेल जरूर होना चाहिए.’’ उन के इस परिहास पर कोई हंसा नहीं बल्कि एक सन्नाटा छा गया. उन्हें बेतुका मजाक करने की आदत थी पर इस की भी कोई सीमा तो होनी चाहिए.

बूआ और फूफा गुड़गांव से अपने बेटे और नई बहू के साथ मिलने आए थे. दिन भर का कार्यक्रम था. खाना खा कर उन्हें वापस जाना भी था. उमाशंकर ने भी अपने बेटे अतुल की शादी कुछ माह पहले ही की थी. शादी के बाद बूआ और फूफा पहली बार आए थे. स्वागत का विशेष प्रबंध था.

उमाशंकर की पत्नी राजरानी ने झिड़क कर कहा, ‘‘कुछ तो सोच कर बोला करो. बहुएं घर में हैं और सुन भी रही हैं.’’

उमाशंकर ने झिड़की की परवा न कर हंसते हुए कहा, ‘‘अरे यार, उन्हें ही तो सुना रहा हूं. समय पर चेतावनी मिल जाए तो आगे कोई गड़बड़ नहीं होगी और तुम भी आराम से उन पर राज कर सकोगी.’’

‘‘मुझे ऐसा कोई शौक नहीं,’’ राजरानी ने समझदारी से कहा, ‘‘मेरी बहू सुशील, सुशिक्षित और अच्छे संस्कार वाली है. कोई शक?’’

गुड़गांव से आए फूफाजी उठ कर कुछ देर पहले हलके होने के लिए बाथरूम गए थे. जब लौटे तो हंस रहे थे.

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