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संगीता अग्रवाल

चेहरे पर मुसकान, मीठी वाणी, मेहनती और बेहद खूबसूरत... सभी गुणों से परिपूर्ण इंदू एक नेक इंसान थी. पर समाज के हिसाब से उस का समय बहुत ही खराब था क्योंकि उम्र के 40 सावन पार कर लेने के बाद भी आज तक उस की शादी नहीं हुई थी. इंदू देश की राजधानी दिल्ली में एक न्यूज चैनल में बड़ी जिम्मेदारी की पोस्ट पर थी. न्यूज चैनल में संपादक के पद तक पहुंचने तक के सफर के विषय में इंदू सोचने लगी कि कितना सुंदर था उस का बचपन जहां वह शौकिया दर्पण के सामने न्यूज एंकर की नक्ल किया करती थी. एक चुलबुली लड़की जो 3 भाइयों में अकेली बहन थी और पूरे परिवार की लाड़ली. टैलीविजन पर दिखने की उस की चाहत अब उसे पत्रकारिता की ओर ले जा रही थी. स्कूल से अब वह कालेज में आ गई थी और पहले से ज्यादा खूबसूरत दिखने लगी थी. अपने रेशमी बाल, गुलाबी गाल और आकर्षक आवाज के कारण कालेज में इंदू काफी लोकप्रिय थी. कालेज के कई अच्छे लड़के इंदू को मन ही मन बहुत पंसद करते थे. उन में से एक था अमन, जो इंदू को बेहद पंसद करता था. लेकिन उस ने कभी भी अपने प्यार का इजहार इंदू से नहीं किया.

अमन भी इंदू की ही तरह प्रतिभाशाली था. उस की कविताएं और मधुर आवाज कालेज की लड़कियों में बहुत लोकप्रिय थी, पर उस का मन था जो केवल किसी न किसी तरह इंदू के इर्दगिर्द ही अपनी खुशी तलाशता रहता था. इंदू की नजर में अमन एक अच्छा मित्र, एक अच्छा कवि और एक नेक इंसान था. इस से ज्यादा इंदू ने कभी उस के बारे में कुछ नहीं सोचा. कालेज के हर कार्यक्रम में जहां लड़कियों में इंदू को हमेशा प्रथम पुरस्कार मिलता, वहीं अमन भी अपनी कविताओं से सब को दीवाना बना देता था. कालेज की पढ़ाई अब पूरी होने वाली थी, कालेज का अंतिम साल चल रहा था. अमन सोचने लगा कि कैसे वह अपने मन की बात इंदू तक पहुंचाए?

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