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अगर उस ने प्रियंका को चाहा था, तो फिर अपने लिए दूसरी लड़की क्यों चुनी? वह समझ गई कि पिताजी का विरोध करने की हिम्मत उस में नहीं रही होगी और बिरादरी और रिश्तेदारों में अपने पिता की इज्जत भी उछलने का विचार आया होगा.

क्योंकि उस के पिता अमर सिंह राठौर को अपनी राठौरी पर बड़ा गुरूर था. अपनी बिरादरी की लड़की के अलावा किसी भी दूसक बिरादरी की लड़की से जुगल की शादी वे कभी कर ही नहीं सकते थे.

ज्योति को याद आ गए वो दिन, जब उस के पिता अमर नाथ सिंह राठौर ने छोटे भाई भ्रमर नाथ के एकलौते बेटे रमेश की इच्छा के अनुसार उस का विवाह किसी दूसरी बिरादरी की लड़की से कर दिया था.

तो, अमर नाथ अपनी मूंछों पर ताव देते हुए इतना गुस्सा हुए थे कि उन्होंने अपने सगे भाई से पूरी तरह नाता तोड़ लिया था.

भ्रमर नाथ उन की सब बात सह गए थे, पर उन्होंने अपनी जबान बंद ही रखी गुस्से के कारण अमर नाथ ने पैतृक घर का बंटवारा तक कर डाला तो भी उन्होंने स्वीकार कर लिया, पर जबान न खोली.

कानूनी लड़ाई के बाद अलग हो कर जब इस खानदानी घर का बंटवारा हुआ, तो 5 कमरों और बड़े से आंगन वाला ये घर आधा रह गया. बीच में दीवार खड़ी हो गई.

फिर चाचा भ्रमर नाथ अपने हिस्से का पोर्शन बेच कर इसी तहसील के एक दूसरे कोने में बस गए. तब से उस ने चाचा की शक्ल 1-2 बार तभी देखी, जब उन की बिरादरी में किसी रिश्तेदार की शादी होती या कोई बड़ा फंक्शन होता.

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