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आशीष अपने इतिहास के बारे में बतातेबताते वर्तमान में आ चुका था कि तभी नमिता ने आग्रह किया, ‘‘क्या हम लोग बाकी बातें डाइनिंग टेबल पर बैठ कर नहीं कर सकते? ये लोग सिटी से आए हैं, भूख लग रही होगी.’’

ललित तुरंत मान गए और खाने के लिए बैठतेबैठते उन्होंने कहा, ‘‘बेटा आशीष, इस के बाद का तो हम लोगों को भी मालूम है और हम लोग तुम दोनों से ही बड़े खुश हैं.’’ ललित और नमिता इस बात की चर्चा आपस में पहले भी कर चुके थे कि कितनी अच्छी तरह आशीष ने पार्थ को अपने बेटे की तरह अपनाते हुए शीतल के जीवन में फिर से खुशियां भर दी थीं. शीतल ने भी आशीष के जीवन में भरपूर मिठास भर दी थी, उस की मनपसंद पत्नी के रूप में.

‘‘तो अब बताओ, अभी क्या हुआ?’’ ललित ने कौर मुंह में डालते हुए पूछा.

‘‘अंकल, फेसबुक ने गड़बड़ कर दी,’’ शीतल ने कहा.

‘‘फेसबुक ने? क्या मतलब?’’ नमिता और ललित चकित हुए.

‘‘बल्कि यों कहिए कि मैं ने गड़बड़ कर दी,’’ शीतल बोली.

हुआ यों था कि आशीष पार्थ और शीतल को ले कर गोवा गया हुआ था. उस ने बड़े ही उत्साह और शौक से औफिस से छुट्टी ले कर यह कार्यक्रम बनाया था. शीतल ने तमाम तसवीरें फेसबुक में पोस्ट कर दीं जिन में पतिपत्नी की नजदीकियां और एक अत्यंत सुखी परिवार की झलकियां स्पष्ट नजर आती थीं.

नौशीन, जिस का पिछले डेढ़ साल से कुछ अतापता नहीं था लेकिन जो शायद आशीष की फ्रैंड्स लिस्ट में अभी भी थी, इन तस्वीरों को देख कर भड़क गई.

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