कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

अपने फ्लैट में वापस आने पर प्रभास को कुछ अजीब सा महसूस हुआ, वैसा जैसा उसे अच्छा नहीं लगता था. रात के 9 बज रहे थे. उस ने चौथी मंजिल के अपने फ्लैट के दरवाजे की चाबी घुमाई, और अंदर घुसते ही रोशनी के धमाके से उस का साबका हुआ.

मेघना आई हुई थी. 42 साल की मेघना वैसे तो हंसमुख, मिलनसार, जिम्मेदार और सीधीसादी है, लेकिन है वह गेहुंए रंग की 5"-2' इंच की एकदम सामान्य चेहरे की स्त्री. प्रभास और मेघना की अरेंज मैरेज थी, और जातिबिरादरी नियमकानून ही इस शादी के पीछे का एकमात्र सच था. इन दोनों की 2 बेटियां थीं, एक बड़ी, जो अभी 12वीं में थी, छोटी 9वीं में. इन की शादी के आज 19 वर्ष हो रहे थे, और बेटियों के साथ गुवाहाटी से मुंबई मेघना का यह सरप्राइज विजिट इसी खुशी में था.

मेघना घर को साफसुथरा कर, डाइनिंग पर प्रभास की पसंद का डिश सजा कर बेटियों के साथ वह प्रभास को सजीधजी मिली. मेघना को लगा था, उस के इन प्रयासों का प्रभास पर अच्छा असर पड़ेगा, यद्यपि पिछले साल से प्रभास का व्यवहार मेघना के प्रति बहुत उचित नहीं लगता था मेघना को, पर  वह खुद को दिलासा देती कि भारतीय समाज में अमूमन पति का पत्नी के प्रति रूखा और उपेक्षित व्यवहार कोई नई बात तो है नहीं, नानी, दादी, मां, सास सब तो एक ही परंपरा की थाली में जिंदगी घिसती रही हैं. मेघना के लिए बदलाव क्यों होगा. पति भले ही 22वीं सदी के हों, सोच तो 16वीं सदी के भूसे से ही बनी है, जिसे तरहतरह के डिजिटल चमक से सजाया गया है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...