दिव्या, मनीषा, आकांक्षा और किंजल चारों पक्की सहेलियां हैं. वैसे तो ये चारों लड़कियां 4 दिशाओं से आई हुई हैं. जहां दिव्या और किंजल गुजरात के अलगअलग शहरों से है, वहीं आकांक्षा बिहार से है और मनीषा उत्तर पदेश की रहने वाली है. ये चारों लड़कियां अहमदाबाद में 2 कमरे का घर ले कर 3 साल से एक परिवार की तरह रह रही हैं. इन की अपनी ही एक अलग रंगबिरंगी दुनिया है जिसे ये चारों खूब एंजौय करती हैं. मनीषा, दिव्या और किंजल जौब कर रही हैं मगर आकांक्षा अपनी पढ़ाई पूरी कर जौब की तैयारी में लगी हुई है.
चारों अनमैरिड हैं और इन की आपस में खूब बनती है. खाना बनाना, घर की साफसफाई, बाहर से सामान लाने से ले कर हर काम ये चारों मिलबांट कर करती हैं और खुश रहती हैं. छुट्टी के दिन ये चारों लड़कियां अपने दोस्त, सचिन, रुद्रेश, दीप और श्लोक के साथ ‘अपने अड्डे पर’ जो अहमदाबाद के थलतेज में है, चाय की चुसकियों के साथ खूब मस्ती करती नजर आती हैं. इन का साथ में घूमनाफिरना, मूवी देखना, होटलों में खाना होता रहता है. लंबी छुट्टियों में ये लड़कियां कभी अपने घर चली जाती हैं तो कभी इनके मांपापा यहां इन से मिलने आ जाते हैं. वैसे तो ये चारों लड़कियां अपनीअपनी ज़िंदगी में मस्त हैं लेकिन फिर भी इन की ज़िंदगी में समस्याएं हैं जिन्हें ये मिलबांट कर सुलझा लिया करती हैं.
“ट्राय टू अंडरस्टैंड मनीषा, एक बार भाविन के बारे में तो सोच जरा. इन सब में उस की क्या गलती है,” आकांक्षा ने समझाना चाहा पर वह कहने लगी, “नो, यू अंडरस्टैंड. एंड प्लीज, लिव मी अलोन.” यह कह कर उस ने अपना मुंह फेर लिया तो वे तीनों वहां से खिसक गईं क्योंकि जानती हैं मनीषा शौर्ट टैंपर्ड लड़की है. छोटीछोटी बातों पर उसे गुस्सा आ जाता है. लेकिन फिर अपने आप शांत भी हो जाती है.
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