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राय सर ने आश्वासन देते हुए कहा, “बेटी, तुम चिंता मत करो. मैं मैडिकल डिपार्टमैंट से तुम्हें क्रेडिट नोट कल ही दिलवा दूंगा, जिस के आधार पर कपिल का अस्पताल में कैशलेस ट्रीटमेंट हो जाएगा, क्योंकि हमारे बैंक का टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के साथ बैंक कर्मचारियों और उन के परिवार के इलाज के लिए करारनामा किया हुआ है. इलाज में होने वाले खर्च पर आयकर नहीं लगेगा, क्योंकि कैंसर के इलाज में होने वाला खर्च आयकर के दायरे में नहीं आता है. हमारे बैंक का वहां गेस्टहाउस भी है. मैं तुम्हारे ठहरने की व्यवस्था भी करवा दूंगा.”

कायरा को लगा कि राय सर उस के पिता से भी बढ़ कर हैं. उन जैसे लोगों की वजह से ही दुनिया में भाईचारा और सेवाभाव बचा हुआ है. एक हमारे घर वाले हैं, जिन्होंने अपने ईगो की वजह से हम लोगों से रिश्ता तोड़ दिया, सब से निष्ठुर तो कपिल के मातापिता हैं, बेटे को कैंसर हो गया है, फिर भी उन का ईगो टस से मस नहीं हो रहा है.

कायरा ने गेस्टहाउस बुक करवाने के बाद मुंबई जाने के लिए कल का हवाई टिकट ले लिया. कपिल कैंसर होने की बात सुन कर पहले तो थोड़ा घबराया, लेकिन जल्द ही सामान्य हो गया. कायरा बोली, “चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा, यमराज को इतनी आसानी से तुम्हें छीनने नहीं दूंगी.”

टाटा मेमोरियल अस्पताल में कपिल को तुरंत एडमिट कर लिया गया, क्योंकि राय सर ने सारी व्यवस्था पहले से ही कर दी थी. उन का बेटा एम्स भोपाल में डाक्टर था और उस के कुछ डाक्टर मित्र टाटा मेमोरियल अस्पताल में कार्यरत थे. उन के बेटे की वजह से सारा इंतजाम आसानी से हो गया. पंद्रह दिनों के बाद आपरेशन की तारीख मिल गई. डाक्टर ने कायरा से कहा, “स्थिति थोड़ी गंभीर है, लेकिन अभी भी उम्मीद बची हुई है. भरोसा रखिए.”

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