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बचपन से कायरा रामनवमी के दिन उपवास पर रहती थी, लेकिन कपिल नास्तिक था, लेकिन कायरा की जिद की वजह से कपिल उपवास पर रहने के लिए तैयार हो गया. औफिस में तकरीबन 5 बजे कपिल को पेट में दर्द शुरू हुआ. कपिल को लगा कि शायद खाली पेट की वजह से दर्द हो रहा है. बौस को इत्तिला कर कपिल जल्दी घर के लिए निकल गया. कायरा घबरा जाएगी, सोच कर, कपिल ने उसे कुछ नहीं बताया. हालांकि, उस के चेहरे पर दर्द की हलकी तस्वीर साफतौर पर दिखाई दे रही थी.

सुबह 4 बजतेबजते कपिल के पेट में असहनीय दर्द होने लगा, तब उस ने कायरा को उठा कर कहा, “मुझे तुरंत अस्पताल ले चलो. पेट में तेज दर्द है.”

कायरा तुरंत कपिल को एम्स ले कर जाती है. इमर्जेंसी में मौजूद डाक्टर ने कपिल को तुरंत नींद का इंजेक्शन दे दिया, ताकि दर्द से उसे तत्काल आराम मिल सके.

डाक्टर ने कायरा से कहा, “सुबह 9 बजे सोनोग्राफी कर के देखेंगे, दर्द क्यों हो रहा है?”

सोनोग्राफी से पता चला कि गाल ब्लैडर में 4 बड़े और 2 छोटे पत्थर हैं. डाक्टर ने कायरा से कहा, “आप चिंता न करो, आजकल गाल ब्लैडर में पत्थर होना आम बात है. एक छोटे से आपरेशन से सर्जन गाल ब्लैडर निकाल देंगे और दूसरे दिन आप कपिल को घर ले जा सकेंगे.”

डाक्टर के समझाने से कायरा आश्वस्त हो गई और उस ने आपरेशन के लिए हामी भर दी.

कपिल का आपरेशन सफल रहा. तदुपरांत गाल ब्लैडर को बायोप्सी के लिए लैब भेज दिया गया. अगले दिन कपिल घर लौट आया. इस बीच, कायरा ने कपिल के घर और अपने घर फोन किया.

कायरा ने कपिल की बीमारी के बारे में सारी बातें उन्हें बताई, लेकिन उन्होंने उस की बात सुन कर भी अनसुनी कर दी.

कायरा ने कपिल की देखभाल के लिए एक सप्ताह की छुट्टी ले ली. कुछ दिनों तक कपिल को सादा और सुपाच्य भोजन करना था. 2 दिन बाद कपिल चलनेफिरने लगा. शाम का वक्त था, कपिल और कायरा दोनों बालकनी में बैठे हुए थे.

कायरा ने कपिल को बताया कि उस ने घर वालों को फोन कर दिया था, लेकिन उन का दिल नहीं पसीजा.

कायरा ने फिर कहा, “आखिर हम ने कौन सी गलती की है कि हमारे घर वाले अभी तक हम से  नाराज हैं, दो भिन्न जाति वाले क्या एकसाथ जीवनसाथी बन कर नहीं रह सकते हैं?”

कपिल ने कहा, “जाने दो, वक्त के साथ हमारे घर वाले भी बदल जाएंगे, क्यों इतना परेशान हो रही हो? बेकार की बातों पर चर्चा करने से हमें बचना चाहिए, यही हमारे लिए अच्छा रहेगा. आज खिचड़ी खाने का मन कर रहा है, किराने वाले दुकान को फोन कर के आम का अचार और राजस्थानी पापड़ मंगवा  लो.”

कायरा खिचड़ी बनाने की तैयारी करने लगी. वह आलू को कुकर में उबालने के लिए डाल ही रही थी, तभी उस का मोबाइल बजने लगा. अनजान नंबर देख कर कायरा ने बात नहीं की, लेकिन दूसरी बार जब घंटी बजी, तो कायरा ने काल कनेक्ट किया, तो दूसरी तरफ डाक्टर था. डाक्टर ने कहा,“क्या आप तुरंत क्लिनिक आ सकती हैं? कपिल के बारे में कुछ जरूरी बातें करनी हैं.”

कायरा ने डरतेडरते पूछा, “क्या बात है? क्या फोन पर नहीं बता सकते हैं?”

डाक्टर ने कहा, “नहीं, फोन पर नहीं. आप आइए, मैं इंतजार कर रहा हूं.”

कपिल ने पूछा, “किस का फोन था? तुम इतनी घबराई हुई क्यों हो?”

कायरा ने कहा, “तुम्हारी बीमारी के बारे में बात करना चाहता है डाक्टर, लेकिन फोन पर बात करने के लिए तैयार नहीं है.“

कपिल थोड़ा ठहर कर बोला, “घबराओ नहीं, जाओ मिल कर आओ, मैं बाई को फोन करता हूं कि वह अभी आ कर खिचड़ी बना दे.”

कायरा अस्पताल पहुंची, तो डाक्टर कायरा का ही इंतजार कर रहा था. कायरा जैसे ही कुरसी पर बैठी, डाक्टर ने कहा, “हम लोगों ने कपिल के गाल ब्लैडर को कैंसर की जाँच के लिए लैब भेजा था, जिस का परिणाम पोजिटिव है. कपिल का कैंसर एडवांस स्टेज पर पहुंच गया है, आप को उसे तुरंत टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई ले जाना होगा. मैं ने रेफरल लेटर बना दिया है.”

कायरा सोच रही थी, “किस बात की सजा हमें मिल रही है, शादी के सिर्फ 3 ही महीने हुए थे और उसे ऐसे दिन देखने पड़ रहे हैं, क्या घर वालों की बात नहीं मानने की सजा मिल रही है. अस्पताल में होने के कारण वह जोर से रो भी नहीं सकती थी. वह काफी देर तक सबुकती रही. डाक्टर को घर जाना था, लेकिन कायरा की मनस्थिति को देख कर वह उस के सामान्य होने का इंतजार कर रहा था. थोड़ी देर में कायरा सामान्य हो गई. उस ने मन ही मन फैसला कर लिया कि चाहे कितनी भी मुश्किलें राह में आएं, वह कपिल को बचाने के लिए पुरजोर कोशिश करेगी.

कायरा ने अस्पताल से ही राय सर को फोन लगाया और पूरी बात उन्हें बताई. साथ ही, उन से आग्रह किया कि टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई से इलाज कराने की अनुमति जल्द से जल्द बैंक से दिलवा दें.

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