“व्हाट,” जौन चौंका, “यू मीन, वे तुम्हारी रियल मौम नहीं हैं?” इतने साल साथ रहते हुए भी अपूर्व ने कभी उसे यह नहीं बताया कि संध्या उस की अपनी मां नहीं हैं, बल्कि उन्होंने उसे गोद लिया है.
“हां, वे मेरी अपनी मां नहीं हैं लेकिन मां से कहीं ज्यादा बढ़ कर हैं. अगर वे न होतीं, तो आज मेरा वजूद न होता. मैं किसी फुटपाथ पर बैठा भीख मांग रहा होता या किसी अनाथ आश्रम में पल रहा होता या कोई चोर डाकू बन कर जेल में सड़ रहा होता,” बोल कर अपूर्व अपने अतीत के एकएक पन्ने पलटने लगा.
‘बच्चो, अब यह बताओ, यह कौन सा साल चल रहा है?” संध्या मैडम ने क्लास के बच्चों से अगला सवाल पूछा, तो सभी ने एकसाथ जवाब दिया, ‘2000.’
‘वैरी गुड. दीपक, तुम बताओ हमारे देश के प्रधानमंत्री कौन हैं?’
‘नहीं पता?’
‘हमारे देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हैं. अच्छा आरती, अब तुम बताओ, हमारा देश कब आजाद हुआ था?’
‘टीचर जी, हमारा भारत देश 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ था,’ खड़ी हो कर आरती बोली.
‘बिलकुल सही जवाब,’ ताली बजाती हुई संध्या मैडम बोलीं, तो क्लास के सारे बच्चे भी ताली बजाने लगे.
‘अब तुम बताओ कि देश की पहली महिला प्रधानमंत्री कौन थी?’ संध्या ने इस बार सवाल विनोद से किया, लेकिन वह नहीं बता पाया, तो मैडम ने पिछली बैंच पर बैठा 8 साल के उस सांवले से बच्चे से पूछा, ‘अपूर्व, तुम बताओ, देश की पहली महिला प्रधानमंत्री कौन थीं?’
‘वो...मैडम जी,’ बड़ा संकुचाते हुए अपूर्व बोला, ‘इंदिरा गांधी.’
‘एकदम सही जवाब. अच्छा, अब यह बताओ कि इंदिरा गांधी राहुल गांधी की कौन लगती थीं?’ संध्या मैडम ने फिर अपूर्व से ही सवाल किया.