जितनी भी वहां और भारतीय महिलाएं थीं, सब साधारण पेय ही पी रही थीं. मैं ऐसी बहुत ही कम भारतीय महिलाओं को जानता हूं जो शराब पीती हैं. रेणु ने जब यह देखा तो उसे यकीन नहीं हुआ कि सुषमा जो अभीअभी भारत से आई है, स्कौच पी रही है. कुछ और महिलाओं को भी आपस में कानाफूसी करते सुना.
‘‘अरे, हम तो यहां पिछले 20 वर्षों से रह रहे हैं, भारत में भी काफी आधुनिक थे, पर स्कौच तो दूर, हम ने तो कभी वाइन तक को हाथ नहीं लगाया,’’ रीता को मैं ने रेणु से यह कहते सुना.
इतने में सुषमा को ले कर पाल बीच मंडली में आया और दोनों ने जाम टकरा कर पीने शुरू कर दिए. 2-3 घंटे तक पार्टी बड़ी गरम रही. कुछ लोग राजनीति पर चर्चा कर रहे थे तो कुछ हिंदी फिल्मों पर. 12 बजे के करीब शादी की खुशी में केक काटा गया. फिर सब ने पाल को बधाइयां तथा तोहफे दिए. उस के बाद खाने की बारी आई.
12 बजे के आसपास पार्टी तितरबितर होनी शुरू हुई. हमें घर आतेआते 1 बज गया.
घर आते ही मैं बिस्तर पर लेट गया और जल्दी ही सो गया.
सुबह 9 बजे के करीब जब मेरी आंखें खुलीं तो पाया कि रेणु बिस्तर पर नहीं है. मैं ने खिड़की से बाहर झांका, बर्फ अभी भी गिर रही थी. मैं नीचे आया तो देखा, रेणु सोफे पर सो रही है.
मैं जब नहा कर लौटा तो उस समय करीब 11 बज रहे थे. रेणु अभी भी सो रही थी मैं ने सोचा, शायद उस की तबीयत ठीक नहीं है, सो, जा कर उठाया तो वह हड़बड़ा कर उठी और बोली, ‘‘क्या टाइम हो गया?’’
‘‘तुम्हें आज टाइम की क्या चिंता है? यह बताओ, तुम्हारी तबीयत तो ठीक है? और तुम यहां पर क्यों सो रही हो?’’
‘‘मुझे रात नींद नहीं आई तो यह सोच कर कि तुम्हारी नींद न खराब हो, 2 बजे के करीब नीचे चली आई. यहां आ कर भी जब नींद न आई तो टैलीविजन चला दिया, फिर पता नहीं कब नींद आ गई.’’
मैं ने उस के लिए चाय बनाई, क्योंकि वह हमेशा चाय पीना पसंद करती है. फिर उस से नींद न आने का कारण पूछा तो बोली, ‘‘ऐसी तो कोई खास बात नहीं थी, बस, पाल और सुषमा के बारे में ही सोचती रही. तुम ने देखा नहीं, वह कैसी बेशर्मी से शराब पी रही थी.’’
मैं बोला, ‘‘तुम्हें दूसरों की व्यक्तिगत जिंदगी से क्या मतलब?’’
‘‘तो क्या पाल कोई दूसरे हैं? वे तुम्हारे मित्र नहीं हैं?’’ उस ने जोर से यह बात कही.
मैं ने प्यार से कहा, ‘‘मेरा मतलब यह नहीं था. शराब पीना या न पीना पाल और सुषमा का व्यक्तिगत मामला है, हमें उस में नहीं पड़ना चाहिए.’’
रेणु चाय पी कर बोली, ‘‘मैं नहाने जा रही हूं. तुम फायर प्लेस जला लो. आज बाहर तो कहीं जा नहीं सकते, इसलिए बैठ कर कोई पुरानी हिंदी फिल्म देखेंगे.’’
मैं ने कहा, ‘‘जैसी सरकार की मरजी.’’
रेणु जब नहा कर वापस आई तब तक मैं ने फायर प्लेस में आग जला ली थी. हम ने एक हिंदी फिल्म का कैसेट लगाया और देखने लगे. इतने में फोन की घंटी बजी. रेणु ने रिसीवर उठाया और ऊपर जा कर बातें करने लगी. वह करीब आधे घंटे बाद नीचे आई तो मैं ने पूछा, ‘‘किस का फोन था?’’
वह बोली, ‘‘कल की पार्टी में एक दक्षिण भारतीय महिला मिली थी, उसी का फोन था. सुषमा के बारे में ही बातें होती रहीं कि कैसे वह बड़ी बेशर्मी से पाल के गले में बांहें डाल कर शराब पी रही थी.’’
मैं ने बात को आगे न बढ़ाया, उठ कर वीडियो बंद कर दिया और चाय बनाने लगा.
चाय पीने के बाद मैं ऊपर जा कर लेट गया. मुझे छुट्टी के दिन दोपहर बाद थोड़ी देर सोना बड़ा अच्छा लगता है.
जब मेरी आंख खुली तो देखा कि रेणु भी मेरे पास ही सो रही है. मैं उसे सोता छोड़ कर नीचे चला आया और टैलीविजन देखने लगा.
लगभग 1 घंटे बाद रेणु भी नीचे आई और रसोई में जा कर रात के खाने का प्रबंध करने लगी. मैं ने रेणु से कहा कि यदि बर्फ पड़नी बंद न हुई तो लगता है, कल औफिस जाना मुश्किल हो जाएगा.
करीब 8 बजे हम ने खाना खाना और फिर से हिंदी फिल्म देखने लगे. 10 बजे के आसपास हम सोने चले गए.
सुबह उठ कर मैंने देखा कि बर्फ तो पड़नी बंद हो गई है, पर सड़कें अभी बर्फ से ढकी हुई हैं. मेरा औफिस घर से केवल 5-6 मील की दूरी पर है, सो औफिस जाने का निश्चय किया.
औफिस में ज्यादा लोग नहीं आए थे. शाम 5 बजे मैं वापस घर आ गया. रेणु ने चाय बनाई तथा डाक ला कर दी. पूरा सप्ताह ही बीत गया. शुक्रवार की शाम को रीता का फोन आया. उस ने अपने यहां अगले दिन रात के डिनर पर आने का निमंत्रण दिया. हमारा चूंकि अगले दिन कहीं जाने का प्रोग्राम नहीं था, सो ‘हां’ कर दी.
रीता के घर जब पहुंचे तो यह जान कर बड़ा अचंभा हुआ कि पाल वहां निमंत्रित नहीं है. रीता ने अन्य भारतीय परिवारों को भी बुलाया हुआ था. पार्टी में भी सुषमा के बारे में चर्चा होती रही. महिलाओं को इस बात का बड़ा दुख था कि उन्होंने कभी सुषमा जैसा फैशन क्यों नहीं किया या खुल कर लोगों के सामने शराब क्यों नहीं पी. रात को जब हम घर लौटे तो रेणु ने कार में फिर से सुषमा पुराण दोहराना चाहा, पर जब मैं ने उस में कोई दिलचस्पी न दिखाई तो उसे चुप हो जाना पड़ा.