माँ के बाद अगर कोई हमसे सच्चा प्रेम करता है तो वो हैं पिता. मां अपने बच्चों को सीने से लगा कर रखती है तो पिता का दिल बच्चों के लिए धड़कता है. कहते है बेटियां हमेशा अपने पिता जैसा जीवनसाथी चाहती है. तो इस Father’s Day पर आपके लिए लेकर आए है, सरिता की Top 10 Father’s day Story In Hindi.

  1. स्मिता: बेटी के पैदा होने के बाद सारा और राजीव क्यों परेशान थे

story

सारा ने प्रतिक्रिया में कुछ नहीं कहा. उस ने कौफी का मग कंप्यूटर के कीबोर्ड के पास रखा. राजीव इंटरनेट पर सर्फिंग कर रहा था. सारा ने एक बार उस की तरफ देखा, फिर उस ने मौनिटर पर निगाह डाली और वहां खडे़खडे़ राजीव के कंधे पर अपनी ठुड्डी रखी तो उस की घनी जुल्फें पति के सीने पर बिखर गईं.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए क्लिक करें…

2. दूरियां: क्यों हर औलाद को बुरा मानता था सतीश?

story

हाथ का अखबार पास पड़ी कुरसी पर पटक कुछ जोर से बोले सतीश, ‘‘क्या हो रहा है? मैं ने कल की खबर तुम्हें सुनाई थी कि पिता के पैसों के लिए बेटे ने उस की हत्या की सुपारी अपने ही एक दोस्त को दे दी. देखा, कलियुगी बच्चों को…बेटाबेटी ने मिल कर अपने बूढ़े मातापिता को मौत के घाट उतार दिया, ताकि उन के पैसों से मौजमस्ती कर सकें.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

3. सांझ का साथी: दीप्ति क्यों नही समझ पाई पापा का दर्द?

story

‘‘पापा, यह क्या किया आप ने? इतना बड़ा धोखा वह भी अपने बच्चों के साथ, क्यों किया आप ने ऐसा? आखिर क्या कमी थी हमारे प्यार में, हमारी देखभाल में, जो आप ने ऐसा कदम उठा लिया? एक ही पल में सारे रिश्तों को भुला दिया. चकनाचूर कर दिया उन सारी यादों को, उन सारी बातों को, जिन्हें याद कर के हम खुशी से पागल हुआ करते थे.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

4. डियर पापा: क्यों पिता से नफरत करती थी श्रेया?

story

सुजौय ने मुसकरा कर अपना ब्रीफकेस मुझे थमा दिया और दोनों बच्चों को बांहों में भर कर भीतर आ गए. तीनों के कहकहे सुन कर दिल को सुकून सा मिल रहा था. सुजौय को चाय दे कर मैं भी वहीं उन तीनों के पास बैठ गई. दोनों बच्चे बड़े प्यार से अपने पापा को दिन भर की शरारतें और किस्से सुना रहे थे.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

5.पिता का दर्द-: सुकुमार के बेटे का क्या रहस्य था?

story

टैलीफोन की घंटी से सुकुमार का ध्यान भंग हुआ. रिसीवर उठा कर उन्होंने कहा, ‘‘हैलो.’’ ‘‘बाबा, मैं सुब्रत बोल रहा हूं,’’ उधर से आवाज आई. ‘‘हां बेटा, बोलो कैसे हो? बच्चे कैसे हैं? रश्मि कैसी है?’’ एक सांस में सुकुमार ने कई प्रश्न कर डाले. ‘‘बाबा, हम सब ठीक हैं. आप की तबीयत कैसी है?’’ ‘‘ठीक ही है, बेटा. अब इस उम्र में तबीयत का क्या है, कुछ न कुछ लगा ही रहता है.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

6. पिता की पगड़ी-: अनुज के पिता के साथ क्या हुआ?

story

‘‘मेरी ही कमाई है यह, जो तुम सब खा रहे हो…’’ बडे़ चाचा ने हाथ नचा कर कहा तो सहसा अनुज के दिमाग में दादाजी का चेहरा कौंध गया. शक्लसूरत बड़े चाचा की दादाजी से बहुत मेल खाती है और हावभाव भी. दादाजी अकसर इसी तरह हाथ नचा कर कहा करते थे, ‘मेरी ही कमाई हुई इज्जत है, जो तुम से लोग ढंग से बात करते हैं वरना कौन जानता है तुम्हें यहां.’

पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

7. वो पिताजी ही थे: रति के पति के साथ क्या हुआ?

story

रति के पति विशाल 2 दिनों से सिर में दर्द व थकावट की शिकायत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि “शायद नींद पूरी नहीं हुई है.” “आराम कीजिए आप, सारे दिन लैपटौप में आंखें गड़ाए काम भी तो करते हैं,” रति के कहने पर विशाल ने सिरदर्द की दवा ली और दूसरे कमरे में जा कर सो गए.रति मन ही मन चिंतित थी कि इन्हें तो आराम करने को कह रही हूं पर कहीं इन्हें… उफ़, मैं भी न क्या फालतू की बात सोचने लगी हूं.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

8. बेबस आंखें: केशव अपनी बेटी से आंखें क्यों नहीं मिला पा रहा था?

story

‘डियर डैड, गुड मौर्निंग. यह रही आप के लिए ग्रीन टी. आप रेडी हैं मौर्निंग वौक के लिए?’’‘‘यस, माई डियर डौटर.’’ वह दीवार पर निगाह गड़ाए हुए बोली, ‘‘डैड, यह पेंटिंग कब लगवाई? पहले तो यहां शायद बच्चों वाली कोई पेंटिंग थी.’’‘‘हां, यह कल ही लगाई है. मैं पिछली बार जब मुंबई गया था तो वहां की आर्ट गैलरी से इसे खरीदा था. क्यों, अच्छी नहीं है क्या?’’

पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

9. आई लव यू पापा: पापा की बिटिया

story

उन दिनों मैं अपनी नई जौब को लेकर बड़ी खुश थी. ग्रेजुएशन करते ही एक बड़े स्कूल में मुझे ऑफिस असिस्टेंट के रूप में काम मिल गया था. छोटे शहर में एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की के लिए यह उपलब्धि बहुत बड़ी थी. जहां आमतौर पर ग्रेजुएशन करते ही लड़कियों को शादी कर ससुराल भेजने की रवायत हो, वहां मुझे सुबह-सुबह तैयार होकर बैग लटका कर रिक्शे से नौकरी पर जाता देख मोहल्ले में कईयों के सीने पर सांप लोट जाता था.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

10. लव यू पापा: तनु उसे अपना पिता क्यों नहीं मानती थी?

story

‘‘अरे तनु, तुम कालेज छोड़ कर यहां कौफी पी रही हो? आज फिर बंक मार लिया क्या? इट्स नौट फेयर बेबी,’’ मौल के रेस्तरां में अपने दोस्तों के साथ बैठी तनु को देखते ही सृष्टि चौंक कर बोली. फिर तनु से कोई जवाब न पा कर खिसियाई सी सृष्टि उस के दोस्तों की तरफ मुड़ गई.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...