भारत में गुरु शिष्य परंपरा बहुत पुरानी है लेकिन भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने वाले गुरु गोपी और उनकी शिष्या पीवी सिंधू आजकल इस परंपरा को नया आयाम दे रहे हैं.

22 वर्षीय सिंधू ने पुलेला गोपीचंद की देखरेख में विश्व बैडमिंटन के शिखर को छुआ है. सिंधू ने साल 2016 में रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता इसके बाद हाल ही में आयोजित विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने से चूक गईं.

ऐसे में शिक्षक दिवस के अवसर पर सिंधू ने अपने गुरु गोपीचंद को अनोखे अंदाज में संदेश दिया है. इसके लिए सिंधू ने स्पोर्ट्स ड्रिंक ब्रांड गैटोरेड ने गुरुओं को लेकर एक शार्ट फिल्म बनाई है. इस फिल्म का शीर्षक है ‘आई हेट माई टीचर’.

इस फिल्म में सिंधु के सफर और कोच गोपीचंद के गुरु-शिष्य के संबंधों को दिखाया गया है.  सिंधु ने अपने बयान में कहा है, “कोच ने मेरे लिए बहुत मेहनत की और उनके बड़े ख्वाब थे. इस टीचर डे पर मैंने अपनी कामयाबी को उन्हें डेडिकेट करने का फैसला लिया.” इस शार्ट फिल्म को सिंधू ने प्रोड्यूस किया है.

एक मिनट दो सेकेंड लंबी इस शार्ट फिल्म की शुरुआत में सिंधू ये कहती हैं, ‘आई हेट माई टीचर’, वो मेरी चोटों के निशान का कारण हैं, वो मुझपे चिल्लाते हैं. मैं जब पसीने से भीगती हूं गिरती हूं और जब सांस भी नहीं ले पाती हूं तब वो खुश होते हैं.

सिट-अप्स लगाती दिख रही सिंधू के पास बैठे गोपी की आवाज आती है, जो तुम कर रही हो ये काफी नहीं है. सिंधू आगे कहती हैं,  वो मेरे दर्द का कारण हैं, वो मेरी नींद की चिंता नहीं करते. आई हेट हिम क्योंकि वो कभी हार नहीं मानते, इसलिए भी क्योंकि वो हमेशा सही होते हैं. सबसे ज्यादा मैं उन्हें इसलिए नापसंद करती हूं क्योंकि वो मुझ पर इतना विश्वास करते हैं जितना मुझे खुद पर नहीं है. थैक्य यू कोच!

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