अपने दौर में भारतीय क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज रहे राहुल द्रविड़ को उनके शानदार डिफेंस के लिए ‘द वॉल’ के नाम से जाना जाता है. द्रविड़ ने क्रिकेट के उन जेंटलमैन में रहे जिनका विवादों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा है. 5 साल पहले क्रिकेट को अलविदा कहने वाले द्रविड़ को उनके खेल के दिनों में क्रिकेट का सबसे क्लासी बल्लेबाज माना जाता था.

यह कहना गलत नहीं होगा कि द्रविड़, सचिन तेंदुलकर के बाद भारत के सबसे महान बल्लेबाज हैं. इस बात का सबूत द्रविड़ का अंतराष्ट्रीय करियर है. 20 जून 1996 को लॉड्स के मैदान पर अपने टेस्ट करियर की शुरूआत करने वाले राहुल द्रविड़ ने अपने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में द्रविड़ ने 24 हजार से ज्यादा रन बनाए.

एक बल्लेबाज के अलावा द्रविड़ एक शानदार स्लिप फील्डर भी थे. द्रविड़ के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच पकड़ने का रिकॉर्ड है.

अंतराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके द्रविड़ क्रिकेट कोच के रूप में दूसरी पारी की शुरूआत कर चुके हैं. मौजूदा समय में वो भारतीय अंडर-19 टीम के कोच के रूप में कार्यरत हैं. आज जानिए उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें.

एक ही मैच में डेब्यू और रिटायरमेंट

राहुल द्रविड़ क्रिकेट इतिहास के पहले बल्लेबाज हैं जिन्होंने एक ही मैच में डेब्यू और रिटायरमेंट किया. द्रविड़ ने अपना पहला और अंतिम टी20 मैच इंग्लैंड के खिलाफ 31 अगस्त 2011 को खेला. ये उनका अंतिम टी20 मैच भी था. इस मैच में द्रविड़ ने 21 गेंदों पर 31 रनों की पारी खेली थी.

मैन ऑफ द मैच’ की जगह ‘जैमी ऑफ द मैच’ का खिताब

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...