भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुए दूसरे वनडे मैच में भारत ने 105 रनों से विशाल जीत दर्ज की. मुकाबले के दौरान भारतीय पारी का अंतिम ओवर तो ऐसा रहा कि वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर को शर्मिंदा होना पड़ा. ये ऐसा पल था, जिसे वो कभी भूल भी नहीं सकतें.
बारिश की वजह से मैच 43-43 ओवर का कर दिया गया था. भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी और शीर्ष तीन धुरंधरों, अजिंक्य रहाणे (103), विराट कोहली (87) और शिखर धवन (63) के दम पर 42 ओवर में स्कोर 288 रन तक पहुंच चुका था.
अब कुल एक ओवर बाकी था. अंतिम ओवर की जिम्मेदारी खुद वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने ली. लेकिन इस ओवर ने मेजबान कप्तान को शर्म से लाल कर दिया.
होल्डर ने इस ओवर में तीन नो बॉल फेंकी जिसमें से दो गेंदें बल्लेबाज की कमर से ऊपर थीं. जैसे ही उन्होंने ओवर की अंतिम गेंद केदार जाधव के कंधे से ऊपर फेंकी, तुरंत नियमों को देखते हुए उन्हें गेंदबाजी से हटा लिया गया. ओवर की अंतिम गेंद जोनाथन कार्टर ने फेंकी और पारी को पूरा किया. यही नहीं, इस अंतिम ओवर में भारत ने 22 रन जड़ डाले.
ये है जेसन होल्डर के अंतिम ओवर का पूरा हाल.
पहली गेंद
ऑफ साइ़ड के बाहर यॉर्कर गेंद, धोनी ने पीछे कट करते हुए एक रन लिया.
दूसरी गेंद
इस बार होल्डर ने ऊंची फुल टॉस गेंद फेंकी जिस पर केदार जाधव ने बैकवर्ड पोइंट दिशा में शानदार चौका जड़ दिया. होल्डर बाल-बाल बचे क्योंकि ये गेंद नो-बॉल करार दी जा सकती थी.
तीसरी गेंद (नो बॉल)
इस बार होल्डर का कदम क्रीज से काफी बाहर जाकर पड़ा. अंपायर ने तुरंत फैसला दिया और इस बीच जाधव ने एक रन लिया. कुल दो रन आए.
तीसरी गेंद
ऑफ स्टंप से बाहर की इस गेंद को धोनी ने लॉन्ग ऑन दिशा में जड़कर एक रन लिया.
चौथी गेंद
एक बार फिर ऑफ स्टंप से बाहर की गेंद, एक्स्ट्रा कवर की ओर खेलकर जाधव ने एक रन लिया.
पांचवीं गेंद (नो बॉल)
होल्डर ने फिर गलती की. इस बार गेंद ऊंची फुल टॉस. अंपायर ने नो-बॉल का इशारा दिया. धोनी ने बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर किसी तरह शॉट खेलकर एक रन लिया. कुल दो रन आए.
पांचवीं गेंद
इस बार धोनी ने ऑफ साइड की गेंद को लॉन्ग ऑफ दिशा में खेलकर एक रन लिया.
छठी गेंद (नो बॉल)
इस बार तो होल्डर ने हद ही कर दी. गेंद हवा में लहराती हुई सीधे जाधव के कंधे से ऊपर. उधर, अंपायर ने तुरंत नो बॉल का इशारा दिया तो दूसरी तरफ जाधव ने मौके का फायदा उठाते हुए थर्ड मैन दिशा में चौका जड़ा दिया. तीन नो बॉल होने की वजह से होल्डर को गेंदबाजी से हटा लिया गया. और अंतिम गेंद जॉनाथन कार्टर ने फेंका.
छठी गेंद
कार्टर ने नो बॉल तो नहीं की लेकिन फुल टॉस जरूर फेंक दी. इस पर जाधव ने डीप स्क्वायर लेग पर शॉट खेलकर दो रन लिए. ओवर में कुल 22 रन आए. भारत का स्कोर 310 रन तक जा पहुंचा.
क्या है नियम
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) द्वारा अक्टूबर 2012 में नो बॉल के नियमों में संशोधन किया गया था. पहले वनडे और टी20 क्रिकेट में गेंदबाज को एक बाउंसर की इजाजत थी जबकि टेस्ट मैच में गेंदबाज एक ओवर में दो बाउंसर कर सकता था. लेकिन अक्टूबर 2012 के बाद इसे हर प्रारूप में दो गेंदों तक सीमित कर दिया गया.
अगर गेंदबाज एक ओवर में दो बाउंसर फेंकता है तो उसे अंपायर द्वारा चेतावनी दी जाती है और तीसरी बार ऐसा करने पर गेंदबाज को हटा लिया जाता है. इसके साथ ये भी बताते चलें कि जरूरी नहीं कि ये गेंदें किसी एक ही बल्लेबाज को फेंकी गई हों.
नियमों के मुताबिक बाउंस के बाद बल्लेबाज के कंधे से ऊपर की गई कोई भी गेंद बाउंसर कही जाती है. अगर ये गेंद बल्लेबाज के सिर के ऊपर रही और बल्लेबाज ने गेंद को नहीं खेला तो ये वाइड करार दी जाती है.
हालांकि बाउंसर के नियम फॉर्मेट के हिसाब से अलग-अलग हैं और मैदान पर अंपायरों को भी उनके फैसलों की छूट होती है. अगर कोई गेंद फुल टॉस है और बल्लेबाज की कमर से ऊपर रही तो इसे भी नो बॉल माना जाता है.