भारतीय महिला हॉकी टीम ने पिछले 36 साल में पहली बार ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया है. भारतीय महिला हॉकी टीम ने अब तक सिर्फ एक बार 1980 में मास्को में ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया है लेकिन तब क्वालीफिकेशन प्रक्रिया नहीं थी.

डिफेंडर सुशीला चानू, रियो डि जनेरियो में 5 से 21 अगस्त तक होने वाले आगामी ओलंपिक खेलों में 16 सदस्यीय भारतीय महिला हॉकी टीम की अगुआई करेंगी. हॉकी इंडिया ने मंगलवार को सुशीला को रितु रानी की जगह टीम का कप्तान नियुक्त किया. चयनकर्ताओं ने रितु रानी को खराब फॉर्म और रवैये की समस्या के कारण टीम से बाहर कर दिया.

रक्षा पंक्ति में सुशीला की साथी दीपिका खेलों के दौरान उप कप्तान होंगी. टीम में पांच डिफेंडर, पांच मिडफील्डर, पांच फारवर्ड और सिर्फ एक गोलकीपर सविता को शामिल किया गया है. डिफेंस में टीम के पास दीपिका, सुनीता लाकड़ा, नमिता टोप्पो और दीप ग्रेस एक्का जैसी अनुभवी खिलाड़ी हैं.

मिड फील्ड में रेणुका, लिलिमा मिंज, मोनिका, नवजोत कौर और युवा निक्की प्रधान को शामिल किया गया है जबकि अग्रिम पंक्ति में रानी रामपाल, पूनम रानी, वंदना कटारिया, अनुराधा देवी थोकचोम और प्रीति दुबे जिम्मेदारी संभालेंगी.

पुरूष टीम की तरह महिला टीम में भी डिफेंडर हनियालुम लाल रूआत फेली और गोलकीपर रजनी एटिमारपू के रूप में दो रिजर्व खिलाड़ियों को शामिल किया गया है.

टीम के बारे में पूछने पर भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच नील हागुड ने कहा कि उन्होंने योग्यता के आधार पर सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध टीम चुनी है.

यहां टीम की घोषणा के लिए आयोजित समारोह के बाद हागुड ने कहा, ‘हमने शरीरिक और मानसिक रूप से सर्वश्रेष्ठ तैयारी वाली टीम चुनी है.’ उन्होंने कहा, ‘यह लड़कियों के लिए ऐतिहासिक लम्हा है फिर हम चाहे किसी को भी चुने क्योंकि वे कभी ओलंपिक में नहीं खेली. पुरूष टीम को ओलंपिक में खेलने का अनुभव है क्योंकि चुने गए सात खिलाड़ी लंदन खेलों में खेले थे. इसलिए हमें नहीं पता कि हमारा सामना किस चीज से होने वाला है.’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...