साल 1984 और साल 2000 में फुटबाल का 'यूरो कप' अपने नाम करने वाले फ्रांस को इस बार मेजबानी रास नहीं आई और पुर्तगाल के साथ हुए रोमांचक फाइनल मुकाबले में वह 0-1 से हार गया.
दूसरी तरफ पुर्तगाल ने इतिहास रच दिया. 41 साल बाद उस ने फ्रांस को किसी मैच में हराया है. इस से पहले पुर्तगाल ने साल 1975 की 26 अप्रैल को फ्रांस के खिलाफ जीत दर्ज की थी. इतना ही नहीं, पिछले 10 मैच भी पुर्तगाल ही फ्रांस से हारा था.
'यूरो कप' के पेरिस में खेले गए फाइनल मुकाबले में तय 90 मिनटों में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी और मुक़ाबला गोल रहित रहा. 15 मिनट के पहले एक्स्ट्रा समय में भी कोई टीम गोल नहीं कर सकी.लेकिन 15 मिनट के दूसरे एक्स्ट्रा समय में पुर्तगाल के खिलाड़ी एडर ने गोल दाग कर टीम को जोश से भर दिया.
पुर्तगाल ने तकरीबन पूरा मैच अपने स्टार खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बिना खेला, जो फ्रांस के मिडफ़ील्डर खिलाड़ी दिमित्री पेयेट से टकराने के बाद 24वें मिनट में मैदान से बाहर हो गए थे. इस के बाद रोनाल्डो की आंखों से आंसू निकल पड़े और स्टेडियम में मौजूद पुर्तगाली समर्थकों के चेहरे पर निराशा फैल गई. पर मैच में मिली जीत ने उन का यह गम भुला दिया.
पुर्तगाल के कोच सांतोस ने इस जीत का क्रेडिट रोनाल्डो को दिया. उन्होंने कहा, “हमारे कप्तान ने टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया. कई लोगों की आलोचना झेलने के बाद भी उन्होंने बेहतरीन खेल भावना का प्रदर्शन किया. ड्रेसिंग रूम में उन की मौजूदगी बहुत अहम होती है." क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने भी इस जीत के बाद कहा, “यह वैसा फाइनल नहीं था, जिस की मुझे उम्मीद थी, लेकिन मैं इस जीत से बहुत खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. यह ट्राफी सभी पुर्तगालियों के साथ ही हर उस प्रशंसक को समर्पित है, जिस ने हमारी टीम पर भरोसा जताया."
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