रियो पैरालंपिक 2016 में भारत को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. भारत के देवेंद्र झाझरिया ने जेवलिन फेंक प्रतियोगिता में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता है. पुरुषों के जैवलिन थ्रो F46 इवेंट में गोल्ड जीतने वाले 35 वर्षीय देवेंद्र का पैरालंपिक में यह उनका दूसरा गोल्ड है.

12 साल पहले 2004 एथेंस पैरालंपिक में भी उन्होंने गोल्ड जीता था. इस पदक के साथ ही रियो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 4 हो गई है, जिसमें 2 गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज है.

बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

देवेंद्र ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ ये पदक हासिल किया. देवेंद्र ने 63.97 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया. एथेंस पैरालंपिक में उन्होंने 62.15 मीटर जेवलिन फेंका था, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था.

35 वर्षीय देवेंद्र राजस्थान के चुरू के रहने वाले हैं. झाझरिया ने 2002 में साउथ कोरिया में हुए FESPIC गेम्स और 2013 में आईपीसी ऐथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा उन्होंने इसी इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था. वहीं 2014 के एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था. उन्हें 2012 में पद्मश्री मिला था.

आर्थिक मुश्किलें भी नहीं रोक सकी रास्ता

झाझरिया की राह में आर्थिक मुश्किलें खड़ी हुईं लेकिन वह लगातार आगे बढ़ते रहे. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'मैं आठ या नौ साल का था जब मुझे बिजली का करंट लगा. मैं गांव में एक पेड़ पर चढ़ रहा था तभी मेरा हाथ बिजली की तार से टकरा गया. शायद यह 11000 वॉल्ट की तार थी. इस दुर्घटना की वजह से मेरा बायां हाथ खराब हो गया.'

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