हिंदी की सुपरहिट फिल्म ‘दंगल’ के लिए फिल्म स्टार आमिर खान को कुश्ती के दांवपेंच सिखाने वाले पहलवान कृपाशंकर बिश्नोई अंतर्राष्ट्रीय मैच के रेफरी बन गए हैं. उन्होंने मैसेडोनिया में आयोजित रेफरी कोर्स स्तर-2 अपग्रेड के लिए हुई परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लिया है.
गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) ने अगस्त महीने में उन का नाम मैसेडोनिया में आयोजित रेफरी कोर्स स्तर-2 अपग्रेड के लिए चुना था. साथ ही, उन्हें 26 से 30 सितंबर, 2108 तक मैसेडोनिया के स्कोप्जे शहर में आयोजित विश्व वेटरन कुश्ती चैंपियनशिप के लिए भी रेफरी नियुक्त किया था.
कृपाशंकर ने उक्त परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सभी को आकर्षित किया. परीक्षा के दौरान उन्होंने कई पायदान पार किए जैसे कुश्ती अभ्यास, सामान्य सारांश के सवाल, पैरिंग, लिखित परीक्षा, वीडियो परीक्षा के साथ ही रेफरी सम्मेलन प्रतियोगिता में भी वे अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने में सफल रहे.
परीक्षा के दौरान परीक्षक के तौर पर यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग की तरफ से ट्यूनीशिया के कामेल बुआज़िस और रूस के आंद्रेई क्रिकोव इंस्ट्रक्टर मौजूद थे. उन्होंने कृपाशंकर के कार्य की प्रशंसा की व रेफरी कार्य को भी सराहा.
हालांकि यूनाईटेड विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने कृपाशंकर बिश्नोई को अपने रेफरियों के अंतर्राष्ट्रीय पैनल में पहले ही शामिल करने की घोषणा साल 2016 में की थी. उस समय नियंत्रण संस्था ने जरमनी के डोर्टमंड शहर में रेफरी कोर्स का आयोजन किया था जिस की परीक्षा को पास करने के बाद कृपाशंकर बिश्नोई को अंतर्राष्ट्रीय पैनल में जगह मिली थी. उस के बाद भारत में कुश्ती के नए नियमों को लागू करने की बात को ले कर कृपाशंकर ने 12 सितंबर, 2017 को अपनी फेसबुक पोस्ट के जरीए एक विवादित टिप्पणी की थी. इस में भारतीय कुश्ती संघ की तुलना खच्चर से कर दी गई थी, जिस की वजह से 13 सितंबर, 2017 को भारतीय कुश्ती संघ ने कृपाशंकर को 6 साल के लिए निलंबित कर दिया था. इस के बाद इस फैसले को कृपाशंकर ने डब्ल्यूएफआई की अनुशासन समिति से अपील करते हुए अपने ऊपर लगे निलंबन को वापस लेने की गुहार लगाई थी. इस विवाद पर महासंघ ने सुनवाई करते हुए 11 महीने बाद कृपाशंकर पर से निलंबन वापस ले लिया था और उन्हें दोबारा ऐसा न करने की चेतावनी दे कर छोड़ दिया.
कृपाशंकर बिश्नोई ने फोन पर बताया, “मैं सब से पहले कोच हूं. बतौर कोच मुझे एक रेफरी के काम के बारे में भी पता होना चाहिए ताकि अपने पहलवानों को रेफरी की शब्दावली से परिचित करा सकूं. अगर मैं बतौर रेफरी किसी प्रतियोगिता में जाता हूं तो इस से मेरा निजी फायदा होगा, देश की मैडल टेली पर कोई असर नहीं पड़ेगा पर बतौर कोच अगर मैं कहीं जाता हूं और रेफरी के कामों को भी समझ कर अपने शिष्यों को कुश्ती सिखाता हूं तो वे देश के लिए ज्यादा मैडल जीत पाएंगे. यह कोर्स तकरीबन 7 दिन का होता है जिस पर डेढ़ लाख रुपए का खर्च आता है जिसे खुद वहन करना होता है.”
कृपाशंकर बिश्नोई तब से ज्यादा चर्चा में हैं जब से उन्होंने फिल्म ‘दंगल’ के लिए आमिर खान और अन्य कलाकारों को कुश्ती के गुर सिखाए थे. वे मध्य प्रदेश के ऐसे पहले अंतर्राष्ट्रीय रेफरी हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय रेफरी पैनल में शामिल किया गया है. उन की इस उपलब्धि पर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और सचिव वीएम प्रसूद ने बधाई दी.