दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में अपने स्टार और फेवरिट क्रिकेट प्लेयर्स को चौकेछक्के लगाते देख कर आप ने भी खुद को उस सैलिब्रिटी के रूप में देखने का सपना जरूर देखा होगा. भारत जैसे देश में क्रिकेट के प्रति दीवानगी ने किशोरों में क्रिकेटर के रूप में कैरियर बनाने के सपनों को हवा दी है. क्या आप भी बनना चाहते हैं क्रिकेटर?

क्रिकेटर में क्या क्वालिटीज होनी चाहिए

एक प्रोफैशनल क्रिकेटर का जीवन त्याग, परिश्रम और समर्पण से परिपूर्ण होता है, क्योंकि एक क्रिकेटर के रूप में सक्सैस हासिल करना आसान नहीं होता. ऐसी स्थिति में क्रिकेटर बनने का सपना देखने वाले उम्मीदवार में निम्न गुण अवश्य होने चाहिए :

  • उसे एक अच्छा स्पोर्ट्समैन और एक अव्वल दर्जे का ऐथलीट होना चाहिए.
  • उस में विदेशी कल्चर, फूड, मौसम, भाषा और फैशन जैसी अपरिचित परिस्थितियों के साथ घुलनेमिलने का भी गुण होना चाहिए.
  • क्रिकेट को अपना कैरियर बनाने का सपना देखने वाले उम्मीदवार में बहुत अच्छा फिजिकल फिटनैस होना चाहिए.
  • क्रिकेट के 3 महत्त्वपूर्ण अंग बौलिंग, बैटिंग और फील्डिंग माने जाते हैं. क्रिकेटर को तीनों में मास्टर होना चाहिए.

क्रिकेटर बनने के लिए भारत में खिलाडि़यों का सिलैक्शन बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) द्वारा किया जाता है. इस के अतिरिक्त भारत में बीसीसीआई कोच, फिजियोथेरैपिस्ट और क्रिकेट टीम के अन्य मैंबर्स (टीम कू्र) का भी सिलैक्शन करती है.

प्लेयर्स को बीसीसीआई के साथ एक निश्चित समय के लिए कौन्ट्रैक्ट साइन करना होता है. बीसीसीआई ही विश्व के अन्य 9 प्रमुख क्रिकेट प्लेयिंग राष्ट्रों जैसे पाकिस्तान, बंगलादेश, श्रीलंका, न्यूजीलैंड, इंगलैंड, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, जिम्बाब्वे और वैस्टइंडीज के साथ विभिन्न मैचों को अरेंज भी करती है.

शुरुआत कहां से करें

इंडिया के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने और क्रिकेट में अपना कैरियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए 2 मुख्य रास्ते हैं, पहला और बेसिक रास्ता आप के स्कूल से शुरू होता है जहां से सीधे आप क्रिकेट की दुनिया में पहुंच सकते हैं. स्कूल मैच में ऐक्टिव पार्टिसिपेशन, इंटरस्कूल मैचों में आप के पार्टिसिपेशन और ऐंट्री का गोल्डन पासपोर्ट माना जाता है. इन मैचों में उत्कृष्ट परफौर्मैंस के आधार पर खिलाड़ी का इंटरकालेज और इंटरयूनिवर्सिटी लैवल के मैचों में ऐंट्री को सुनिश्चित किया जाता है.

इस रास्ते से आप रणजी ट्रौफी के लिए अपने सिलैक्शन का चांस पक्का कर लेते हैं. भारत में रणजी ट्रौफी के मैचों में खिलाडि़यों के अच्छे परफौर्मैंस के आधार पर इंटरनैशनल मैचों के लिए खिलाडि़यों का सिलैक्शन किया जाता है.

दूसरा रास्ता कठिन मेहनत और अदम्य धैर्य का है. यह रास्ता ‘ओपन क्रिकेट’ कहलाता है, जिस का डिफिकल्टी लैवल स्कूल लैवल पर खेले गए क्रिकेट से काफी अधिक होता है. इस के अंतर्गत विभिन्न क्रिकेट एसोसिएशंस द्वारा आयोजित मैचों में खिलाड़ी की परफौर्मैंस के आधार पर सिलैक्शन किया जाता है. भारत में प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट में डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन होती है. इन सभी डिस्ट्रिक्ट एसोसिएशन से स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन का निर्माण होता है. डिस्ट्रिक्ट एसोसिएशन खिलाड़ी की परफौर्मैंस के आधार पर उसे डिस्ट्रिक्ट लैवल मैचों के लिए सिलैक्ट करती है. डिस्ट्रिक्ट एसोसिएशन सिलैक्शन कमिटी प्रत्येक खिलाड़ी के परफौर्मैंस का बड़ी बारीकी से अध्ययन करती है और डिस्ट्रिक्ट लैवल की टीम का निर्माण करती है.

इस टीम के प्लेयर्स स्टेट एसोसिएशन के लैवल पर खेलने के लिए चुने जाते हैं. स्टेट लैवल के मैचों और टूरनामैंट्स में प्रदर्शन के आधार पर प्लेयर्स का राष्ट्रीय स्तर पर रणजी मैचों में खेलने के लिए सिलैक्शन किया जाता है. पुन: रणजी मैचों में खिलाडि़यों का परफौर्मैंस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टीम के चयन का आधार बनता है.

राष्ट्रीय स्तर के सिलैक्शन कमिटी के 2 स्तर होते हैं, जूनियर सिलैक्शन कमिटी और सीनियर लैवल कमिटी. जूनियर सिलैक्शन कमिटी अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 टीमों के लिए खिलाडि़यों का चयन करती है जबकि सीनियर लैवल कमिटी अंडर-22 और रणजी ट्रौफी के लिए खिलाडि़यों का चयन करती है.

खिलाडि़यों का सिलैक्शन

रणजी ट्रौफी को इंडिया की नैशनल क्रिकेट टीम में ऐंट्री का एक और गोल्डन पासपोर्ट माना जाता है. रणजी ट्रौफी में सभी राज्यों की क्रिकेट टीमों का रिप्रैजैंटेशन होता है. कुछ रणजी टीमें एक से अधिक राज्यों को रिप्रैजैंट करती हैं.

प्रारंभ में रणजी ट्रौफी की टीमों को 5 जोंस वैस्ट, नौर्थ, ईस्ट, साउथ और सैंट्रल में बांटा गया था. वर्तमान में रणजी ट्रौफी में 28 राज्यों की टीमें हैं. छत्तीसगढ़ इस ऐतिहासिक ट्रौफी को जौइन करने वाली लेटैस्ट क्रिकेट टीम है.

वैसे विभिन्न क्रिकेट एसोसिएशंस और फर्स्ट क्लास क्रिकेट क्लब्स से भी कुछ खिलाडि़यों को रणजी ट्रौफी में खेलने का अवसर मिलता है. रणजी ट्रौफी के लिए प्लेयर्स का सिलैक्शन कैसे होता है? यदि आप क्रिकेट में कैरियर बनाना चाहते हैं तो आप को इस के लिए सब से पहले इस खेल को बचपन से खेलने की शुरुआत करनी पड़ेगी. बेहतर होगा यदि आप लोकल लैवल पर किसी क्रिकेट टीम या क्लब को जौइन कर लें.

यदि कठिन मेहनत और कठोर अभ्यास के बावजूद आप का रणजी टीम के लिए चयन नहीं हो पाता है तो भी आप को निराश होने की जरूरत नहीं है. आप के  लिए अभी भी स्वर्णिम अवसर उपलब्ध है.

ऐसे में आप अंडर-19 वर्ल्ड क्रिकेट टूरनामैंट में कोशिश कर सकते हैं. यदि आप इस टूरनामैंट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो चयनकर्ता को आप की प्रतिभा की पहचान हो जाती है और आप इंडिया टीम में खेलने के सपने को बड़ी आसानी से साकार कर लेते हैं. यदि यहां पर भी आप चूक जाते हैं तो भी निराश होने की जरूरत नहीं. मौजूदा समय में क्रिकेट के नए संस्करण आ रहे हैं इस में आईपीएल सब से चर्चित है.

खिलाडि़यों का चयन मुख्य रूप से रणजी ट्रौफी टीम्स से औक्शन के आधार पर किया जाता है. 8 टीमों वाले इस आईपीएल में कुछ खिलाड़ी नैशनल और इंटरनैशनल लैवल के ख्याति प्राप्त और रिकौर्ड होल्डर्स भी होते हैं. आप अपने खेले गए पूर्व के मैचों की परफौर्मैंस के आधार पर आईपीएल में अपनी सीट पक्की कर सकते हैं.

इस के अतिरिक्त इंडियन टीम भी क्रिकेट में कैरियर बनाने के इच्छुक युवाओं को नैशनल लैवल पर क्रिकेट खेलने का मौका देती है. इंडियन टीम में रणजी ट्रौफी के स्टार परफौर्मर खिलाड़ी होते हैं. यह इंडिया की दूसरे दर्जे की टीम होती है.

कितना कमा सकते हैं

1990 के इकनौमिक रिफौर्म्स के बाद से पूरी दुनिया में क्रिकेट के खेल और खिलाडि़यों को मिलने वाले पारिश्रमिक में काफी परिवर्तन आए हैं. बीसीसीआई द्वारा नैशनल और इंटरनैशनल क्रिकेट मैच खेलने वाले खिलाडि़यों को एक बड़ी रकम पारिश्रमिक के रूप में भुगतान की जाती है. यह राशि करोड़ों में दी जाती है. वैसे इस सच से भी कदापि इनकार नहीं किया जा सकता कि पारिश्रमिक की मात्रा प्रत्येक खिलाड़ी की व्यक्तिगत परफौर्मैंस पर निर्भर करती है.

वैसे बीसीसीआई ने सभी प्लेयर्स को पारिश्रमिक भुगतान के लिए 3 श्रेणियों ए, बी और सी में बांट रखा है. खिलाडि़यों के इन श्रेणियों में बांटे जाने का क्राइटेरिया खिलाडि़यों के ऐक्सपीरियंस और पूर्व खेले गए मैचों में परफौर्मैंस के आधार पर निर्धारित किया जाता है. प्लेयर्स की रैंकिंग एक वर्ष के लिए मान्य होती है. यदि कोई प्लेयर वर्ष के बीच में जौइन करता है तो उसे सी कैटेगरी में रखा जाता है.

विभिन्न श्रेणियों में खिलाडि़यों का सैलरी स्ट्रक्चर्स

रिटेनर फीस

यह फीस खिलाड़ी कौंट्रैक्ट और रैंकिंग के आधार पर तय होती है. ए रैंकिंग वाले खिलाडि़यों की रिटेनर फीस 1 करोड़ रुपए होती है जबकि बी कैटेगरी के प्लेयर के लिए यह फीस 50 लाख रुपए और सी कैटेगरी वाले प्लेयर के लिए 25 लाख रुपए सालाना होती है.

मैच फीस

यह फीस इंटरनैशनल मैच खेलने के लिए दी जाती है. यह सभी प्रकार की श्रेणियों के प्लेयर्स के लिए एकजैसी होती है. प्रत्येक टैस्ट मैच में खेलने के लिए प्रत्येक खिलाड़ी को प्रति मैच 5 लाख रुपए का भुगतान किया जाता है, जबकि प्रत्येक वन डे इंटरनैशनल मैच के लिए यह फीस 3 लाख रुपए है. टी20 मैच के लिए मैच फीस डेढ़ लाख रुपए होती है.

इंडिविजुअल परफौर्मैंस बोनस

यह बोनस पर्सनल परफौर्मैंस के आधार पर दिया जाता है. टैस्ट मैच या वन डे मैचों में प्रत्येक सैंचुरी के लिए खिलाड़ी को 5 लाख रुपए का एडिशनल बोनस मिलता है, जबकि इन सभी मैचों में डबल सैंचुरी के लिए 7 लाख रुपए के बोनस का भुगतान किया जाता है.

टैस्ट, वन डे या टी20 मैचों में 5 विकेट के रिकौर्ड परफौर्मैंस के लिए बौलर को 5 लाख रुपए और 10 विकेट के लिए 7 लाख रुपए के अतिरिक्त बोनस का भुगतान किया जाता है.

एक खिलाड़ी का पारिश्रमिक और कमाई का यही अंत नहीं है. आईसीसी टौप 3 के टीम के विरुद्ध टैस्ट मैच में किसी भी जीत के लिए खिलाडि़यों के मैच फीस में 50 प्रतिशत का इजाफा किया जाता है. जबकि इन्हीं 3 टीमों के विरुद्ध टैस्ट सीरीज जीतने पर मैच फीस में 100 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है. आईसीसी और वर्ल्ड कप में जीत मिलने पर खिलाडि़यों की मैच फीस के रूप में 300 प्रतिशत अधिक फीस का भुगतान किया जाता है.

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