आशीष नेहरा ने कोलंबो में 24 फरवरी, 1999 को टैस्ट मैच में पदार्पण किया था. 24 जून, 2001 में उन्होंने हरारे में भारत और जिंबाब्वे के बीच मुकाबले में पहला एकदिवसीय मैच खेला और जोहानिसबर्ग में 9 दिसंबर, 2009 को भारत और श्रीलंका के बीच मुकाबले में पहला टी-20 मैच खेला.

नेहरा 17 टैस्ट, 120 एकदिवसीय और 26 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 44 टैस्ट विकेट, 157 एकदिवसीय विकेट और 34 टी-20 विकेट ले चुके हैं. चोटिल होने के कारण वे टीम में अंदरबाहर होते रहे. 2003 विश्वकप में उन्होंने इंगलैंड के खिलाफ 23 रन दे कर 6 विकेट झटके थे. यह उन के एकदिवसीय कैरियर का सब से यादगार प्रदर्शन था.

नेहरा की खास बात यह रही कि वे ऐसे गेंदबाज हैं, जिन की उम्र जैसेजैसे बढ़ती गई वे वैसेवैसे और शानदार गेंदबाजी करते रहे. शायद इसीलिए 38 के वर्ष होने के बावजूद उन्हें मौका मिलता रहा.

अपने कैरियर के आखिरी मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 मैच में नेहरा ने पहला और आखिरी ओवर डाला. भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने उन्हें यह मौका दिया. इस विदाई में कई खिलाड़ी भावुक  हुए जिन में युवराज सिंह ने भी नेहरा के लिए एक खत लिखा.

जाहिर है ऐसे क्षण खिलाडि़यों और खेलप्रेमियों के लिए दुखद होता है पर यह सचाई है कि यह दिन हर खिलाड़ी के साथ आता है. कई खिलाडि़यों की छुट्टी पहले हो जाती है और किसी की छुट्टी बाद में होती है. पर नेहरा की विदाई जीत के साथ हुई है, तो यादगार रहेगा ही. उम्मीद की जाती है कि नेहरा जैसे तेज गेंदबाज भारतीय टीम को मिलें और बेहतर परफौर्मेंस दें.

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