एबी डीविलियर्स के संन्यास लेने के बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम उतनी मजबूत नहीं दिख रही है, जितनी उन के समय में थी. यह बात एबी डीविलियर्स को भी समझ आ गई थी और इसी के मद्देनजर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड को अपनी टीम की तरफ से इस वर्ल्ड कप में खेलने का प्रस्ताव दिया था, जिसे अफ्रीकी बोर्ड ने नकार दिया. ‘क्रिकइंफो’ नाम की एक वैबसाइट की एक रिपोर्ट पर गौर करें तो एबी डीविलियर्स ने मई महीने में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड के सामने यह प्रस्ताव रखा था कि वे अपने देश के लिए इस वर्ल्ड में खेलना चाहते हैं. उन्होंने अपने देश की वर्ल्ड कप टीम की घोषणा करने से ठीक एक दिन पहले अफ्रीकी बोर्ड को यह प्रस्ताव दिया था, लेकिन बोर्ड ने उन के प्रस्ताव को इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि उन्हें संन्यास से वापस बुलाने से टीम की कई और चीजों पर असर पड़ सकता है. बोर्ड ने यह भी विचार किया कि यह फैसला टीम के उन खिलाड़ियों के हित में नहीं होगा, जो एबी डीविलियर्स के क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद पिछले तकरीबन एक साल से एकसाथ खेल रहे हैं.

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एबी डीविलियर्स की यह मांग भले ही दक्षिण अफ्रीकी बोर्ड ने नकार दी है लेकिन ऐसा पहले भी हो चुका है जब किसी खिलाड़ी ने संन्यास ले कर दोबारा क्रिकेट के मैदान पर अपने कदम रखे थे. भारतीय तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने साल 2002 में ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया था लेकिन साल 2003 में खेले गए क्रिकेट वर्ल्ड कप में सौरव गांगुली के कहने पर वे संन्यास तोड़ कर एक बार फिर से मैदान पर लौटे थे.

इंगलैंड के कप्तान रह चुके केविन पीटरसन ने भी अपने बोर्ड के साथ हुई अनबन के चलते साल 2011 में वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, पर कुछ महीनों बाद उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में खेलने के ऐलान के साथ वापसी की थी.

पाकिस्तान के उम्दा बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने अपने संन्यास के 10 दिनों के बाद ही पाकिस्तान की तब की  प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के कहने पर संन्यास वापस ले लिया था.

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वेस्टइंडीज के आलराउंडर कार्ल हूपर ने साल 1999 वर्ल्ड कप के शुरू होने से महज 3 हफ्ते पहले संन्यास की घोषणा कर दी थी लेकिन वे साल 2001 में फिर से मैदान पर वापस आए थे और उन्होंने साल 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए क्रिकेट वर्ल्ड कप में अपनी टीम के लिए कप्तानी की थी.

आज के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और पुराने क्रिकेटर इमरान खान ने साल 1987 के वर्ल्ड कप के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया था लेकिन साल 1992 के वर्ल्ड कप से पहले पाकिस्तान के तब के राष्ट्रपति जिया उल हक ने उन्हें दोबारा पाक टीम की कमान संभालने को कहा था. वे पूरे जोरशोर के साथ मैदान पर लौटे थे और पाकिस्तान को उस वर्ल्ड कप में जिताया था.

Edited By- Neelesh Singh Sisodia 

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