एक नए नवेले अधिवक्ता के पास एक मैसेज आया, "क्या आप आज 50 लख रुपए कमाना चाहते हैं तो इसे ध्यान से संदेश पढ़ें...." और वह युवा अधिवक्ता इस मैसेज के जाल में फंसते चला गया और ठगी का शिकार हो गया. आश्चर्य की बात यह है कि आज के आधुनिक भारत में जब शिक्षा का इतना ज्यादा संचार हो चुका है युवा पढ़ेलिखे लगातार ठगी का शिकार हो रहे हैं.

आधुनिक समय में सोशल मीडिया संचार क्रांति के बाद ठगी की घटनाएं नित्य प्रतिदिन हो रही है. सब से अहम बात यह है कि पढ़ेलिखे युवा ठगी का शिकार हो रहे हैं. इस का सीधा सा मतलब यह है कि उस का युवा किसी भी तरह धन कमा लेना चाहता है. वह लक्ष्य बना कर मेहनत कर के ईमानदारी से पैसे कमाने की अपेक्षा, मन में यह चाहत रखता है कि रातोंरात वह करोड़पति बन जाए.

ठगी का शिकार जहां इंजीनियर, अधिवक्ता, नेता, व्यापारी बड़ी तादाद में हो रहे हैं, वही यह युवा लोगों में ज्यादा पाई जा रही है. दरअसल, युवा आज शिक्षित होने के बावजूद अपने लोभ को रोक नहीं पा रहा है. इस का सीधा सा तात्पर्य है कि जहां ईमानदारी और अन्य नैतिक धारणाओं में कमी आई है. वही मजेदार तथ्य यह भी है कि सीनियर सिटीजन तरीके कम शिकार होते हैं. माना यह जा रहा है कि इस का कारण उन का अनुभव और जीवन का संघर्ष है जिस में वे मेहनत को ईमानदारी को महत्व देते हैं.

दरअसल, अनचाही काल और सोशल मीडिया में चल रहे लोगों के हाथों में मौजूद मोबाइल के माध्यम से संदेशों से डिजिटल धोखाधड़ी का बड़ी उम्र से ज्यादा कम उम्र के लोग शिकार हो रहे हैं. धोखाधड़ी करने के लिए आवाज की क्लोनिंग या हेराफेरी के जरिए गड़बड़ियों को पहचानने में चुनौती बरकरार है. अंजान फोन नंबर की पहचान करने में मददगार एप 'टू कालर’ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एलेन मामेदी ने कहा, "भारत में 27 करोड़ लोग इस एप का इस्तेमाल कर रहे हैं."

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