पहला केस –

मेरी शादी 7 महीने पहले हुई थी. उन्होंने बायोडाटा में लिखा कि वह बीकौम ग्रेजुएट हैं और उन्होंने अपनी संपत्ति दो दुकानें दिखाईं. शादी के बाद मुझे इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था. वह अंगरेजी के छोटेछोटे शब्द भी नहीं जानता था. मैं ने कई चीजों को क्रौस वेरीफाई किया और फिर मुझे पता चला कि वह 10वीं फेल है.

उस ने किसी गांव से एक डिग्री हासिल की, जहां से कोई भी डिग्री प्राप्त कर सकता है, भले ही आपने अपनी 10 वीं या 12 वीं पास नहीं की हो, लेकिन उस ने मुझे यह कभी नहीं बताया. शादी के 2 महीने बाद उस की झूठी शिक्षा के बारे में पता चला, मैं ने वह घर छोड़ दिया और कभी वापस नहीं लौटी. हम दोनों ने अपने समाज के सामने स्टांप पेपर पर तलाक ले लिया. क्या यह कानूनी रूप से मान्य है. अब मैं जानना चाहती हूं कि क्या मैं धोखाधड़ी के कारण के आधार पर शादी को रद्द करने के लिए अपील कर सकती हूं?

दूसरा केस-

शादी के कुछ ही दिन बाद जब पति को पता चला कि उस की पत्नी के सिर पर बाल बहुत कम हैं. वे इतने दिन से झूठ बोल कर विग लगा कर रह रही थी. पति ने इस की जानकारी परिजनों को दी. उन लोंगो ने दुल्हन को उस के घर वापस भेज दिया. लड़की के घरवालों ने कार्रवाई की गुहार लगाई. इस पर पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया और आपसी सहमति से मामला सुलझाने की बात कही, लेकिन पति और उस के घर वाले उसे वापस ले जाने को राजी नहीं हुए और कोर्ट में केस चल रहा है.

आप को क्या लगता है अगर आप के बच्चे की शादी में मुश्किल आ रही है, तो झूठ बोल कर की गई शादी का सच कभी पता ही नहीं चलेगा?

सच सामने आने के बाद अगर दूसरा पक्ष तलाक की मांग करने लगे, तो क्या आप अपने बच्चे की जिंदगी बरबाद होने से बचा पाएंगे?

झूठ की शादी अगर निभानी भी पड़ जाए तो क्या लड़का और लड़की एकदूसरे को वो सम्मान और इज्जत दे पाएंगे? क्या एक सच छिपाने के लिए आप को 100 झूठ नहीं बोलने पड़ेंगे? किन बातों पर बोला जाता है झूठ ?

पढ़ाईलिखाई को ले कर गलत जानकारी देना

नौकरी या इनकम को ले कर झूठ बोलना

अगर कोई बीमारी है तो उसे छिपा जाना

अफेयर के बारे छिपाना

किसी गलत चीज की लत हो या नशे आदि की आदत के बारे में झूठ बोलना

सही उम्र को ले कर झूठ बोला जाता है

इंटरनेट पर सही जानकारी न देना

आजकल सोशल मीडिया साइड के जरिए शादियां हो रही हैं. जहां बायोडाटा में गलत जानकारी दी जाती है. यहां सभी लोग आपस में दूरदराज से जुड़े होते हैं, तो ऐसे में उन की और खानदान की जांचपड़ताल करना काफी मुश्किल काम होता है. यही वजह होती है कि सामने वाले वाला पक्ष सही जानकारी नहीं देता और जब बाद में सचाई खुलती है तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

संबंधों में पड़ जाती है गांठ

ऐसे कई उदारण हैं जहां शादी के लिए लड़की या लड़के पक्ष के लोग अकसर झूठ बोल देते हैं, जिस का असर उन की जिंदगी पर पड़ता है. वैवाहिक संबंधों में झूठ का सहारा लेना दुखदाई साबित होता है. जैसे की विवाह के बाद आशी लड़के का झूठ सामने आने के बाद तलाक लेना चाहती थी लेकिन सामाजिक दबाव की वजह से नहीं ले पाई लेकिन एक झूठ के कारण ससुरालवाले उस की नजरों से गिर गए. वह हमेशा अपने ससुरालवालों से इस बात का बदला लेने का एक भी मौका हाथ से जाने नहीं देती.

झूठ बोलना मतलब खुद ही मुसीबत मोल लेना

अगर लड़की सीधीसाधी भी हुए तो भी दोचार साल, तो वह सहेगी क्योंकि वो कमजोर होगी. लेकिन जैसे ही दो बच्चे हुए वो लड़ाकू होनी शुरू हो जाएंगे क्योंकि उस की बर्दाश्त ख़तम हो जाएगी. फिर वो तांडव मचाएगी और पति बेचारा पीस कर रह जाएगा. अब बच्चे हो गए, रिश्तेदारी में अच्छे खासे जम गए, अब क्या कर लेगा पति.

जैसे ही सास थोड़ी सी कमजोर हुई वो उसे तंग करना शुरू कर देती है. ससुर के साथ बुरा व्यवहार होता है. बीमारी में उन्हें ऐसा ही छोड़ देते हैं. लड़की के जीवन में कुंठा रहती है कि ये मुझे झूठ बोल कर लाया है. बच्चों के 5 -6 साल के होने पर वो मुखर होने लगती है. कभी ननद, देवर, जेठानी से झगड़ा करेगी कभी सास के ऊपर चिल्लाएंगे. जैसे ही सास बीमार हुई उस की हड्डी टूटी वो कहेगी मैं तो नहीं सेवा करती जो करना है कर लो.

हमेशा उन्हें इस बात का ताना दे कर जलील करती है. एक अच्छे के लिए की गई शादी ऐसे रिश्ते में बदल गई जहां न प्यार है और न ही सम्मान. दोनों ही एकदूसरे को झेल रहे होते हैं. ये पुराने ज़माने में भी होता था और नए ज़माने में नए तरीके से होने लगा है. इसलिए औनलाइन शादियों के लिए प्रोफाइल सही दो वरना आप की अपनी जिंदगी हराम हो जाएगी.

झूठ नहीं विश्वास की डोर से मजबूत करें रिश्ते

एक झूठ से कई ज़िंदगियां बरबाद हो जाती हैं. इस बात पर यदि पहले से दोनों पक्ष सोचविचार कर लें, तो रिश्ते बिगड़े ही नहीं. एक बार शादी हो जाए, फिर सब ठीक हो जाएगा, ऐसा सोच कर जैसेतैसे झूठीसच्ची बातें बना कर तय किए गए संबंधों का नतीजा कभी भी अच्छा नहीं होता. कई बार तो लड़का या लड़की आत्महत्या जैसे कदम तक उठा लेते हैं. अतः समझदारी इसी में है कि तथ्यों को सहीसही बयान करें.

सच झूठ की कसौटी पर परखें, फिर करें शादी

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि औनलाइन मैट्रिमोनियल साइट्स या अखबार में ऐड के जरिए काफी रिश्ते तय हो रहे हैं. ऐसे में साइट पर प्रोफाइल के साथ दी गई जानकारी को वेरिफाई करने की जिम्मेदारी लड़के या लड़की और उस के घरवालों की हो जाती है. हालांकि ज्यादातर मैट्रिमोनियल साइट्स प्रीमियम क्लाइंट के बारे में लिखती हैं कि हम ने इन का वेरिफिकेशन और इनवेस्टिगेशन कराया है, लेकिन अकसर यह सच नहीं होता.

ऐसे में बेहतर है कि पेरैंट्स साइट्स के दावे में न आ कर खुद ही जांच करें और जरूरत लगे तो किसी भरोसेमंद एजेंसी से जांच कराएं. लेकिन आगे बढ़ने से पहले हर तरह से संतुष्ट हो जाए तभी हां करें क्योंकि एक बार का गलत फैसला जीवन भर का पछतावा बन सकता है.

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