यूपी पुलिस की गोली से मारे गए विवेक तिवारी हत्याकांड में एक के बाद एक पहलू सामने आ रहे हैं. मालूम हो कि यूपी पुलिस के सिपाहियों ने आरोपी सिपाही के समर्थन में अभियान छेड़ा हुआ है, जिसका दिवंगत विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने विरोध किया है.

दिल पर हाथ रखकर सोचें

कल्पना का कहना है कि आरोपियों के लिए अभियान चलाने से पहले सिपाहियों को एक बार दिल पर हाथ रखकर सोचना चाहिए कि पीड़ित कौन है और किसके साथ अन्याय हुआ?

कल्पना ने एक चैनल से बातचीत में बताया कि इस जघन्य हत्या से उनका परिवार, वे और उनके बच्चे पूरी तरह बेसहारा हो गए हैं. कल्पना ने कहा कि एक आरोपी के लिए कैंपेन चलाया जा रहा है और कोई कुछ नहीं कर रहा. आखिर क्यों नहीं ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो एक आरोपी के लिए चंदा दे रहे हैं?

इस पर विवेक के ससुर रमेश चंद्र शुक्ला ने भी सवाल उठाया है और यह अपील की है कि हत्यारोपी का साथ न दें.

जमा हो चुके हैं लाखों रूपए

इस हत्याकांड के बाद आरोपी सिपाही के समर्थन में सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है और साथ में अकाउंट की डिटेल भी दी जा रही है. इस अकाउंट में 5 लाख से भी अधिक की राशी जमा हो चुकी है.

सना ने नहीं बदला बयान

घटना की चश्मदीद गवाह रही सना को लेकर कल्पना ने कहा कि सना ने लगातार वही बोला है जो उसने पहले दिन कहा था. सना चाहती है कि विवेक के साथ न्याय हो और आरोपी पुलिस को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में कोई बेगुनाह इस तरह न मारा जाए.

पुलिसकर्मी चलाएंगे अभियान

उधर, आरोपी सिपाही की बर्खास्तगी को लेकर उत्तर प्रदेश के पुलिसवालों ने अभियान छेड़ दिया है.
पुलिसकर्मी 5 अक्टूबर के दिन काली पट्टी लगाकर बर्खास्तगी का विरोध करेंगे और सरकार से यह मांग रखेंगे कि ड्यूटी के समय मारे गए पुलिसकर्मियों को भी 40-40 लाख और किसी आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए.

विवेक को सिर में मारी गई थी गोली

मालूम हो कि यूपी की राजधानी लखनऊ में एप्पल कंपनी में कार्यरत विवेक तिवारी फोन लौंच के एक कार्यक्रम के बाद देर रात घर जा रहे थे. उनके साथ उनकी जूनियर सना नामक युवती भी थी, जिन्हें विवेक घर छोड़ने जा रहे थे. लखनऊ के पौश एरिया गोमतीनगर विस्तार के पास ड्यूटी पर तैनात 2 सिपाहियों ने उन्हें कार रोकने के लिए कहा पर विवेक ने कार नहीं रोकी. इस पर उनमें से एक सिपाही ने गोली चला दी, जिससे घटनास्थल के पास ही विवेक की मौत हो गई.

इस हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और खुद गृहमंत्री राजनाथ सिंह व यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा था.

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