मुंबई जैसे शहर में जहां स्कूल से कालेज तक पहुंचते ही लड़कियां पूर्ण आजादी प्राप्त कर लेती हैं वहां उन के दोस्तों का विस्तार होता जाता है. कई लड़कियां तो दोस्तों के साथ ही रहती हैं. ज्यादातर लड़कियां तो स्कूल लाइफ के दौरान ही एंगेज हो जाती हैं. उन की लड़कों से दोस्ती को मुंबई की लाइफस्टाइल में नौर्मल माना जाता है. बल्कि, जो लड़कों से दोस्ती न करें, उन्हें एब्नौर्मल माना जाता है.

बाहर से इस शहर में आने वाली लड़कियों को अपने रहने के इंतजाम के तहत लिवइन रिलेशनशिप ज्यादा भाता है.

रंजना जब मुंबई आई तो वह बहुत डरीसहमी थी.  ि झ  झकती, शरमाती वह बातें कम करती थी. पेइंग गेस्ट के बतौर वह अपने लोकल गार्जियन के यहां रहती थी. वहीं उस की दोस्ती मोंटी से हो गई. मोंटी मुंबई के एक इंजीनियरिंग कालेज का छात्र था. धीरेधीरे दोनों की दोस्ती परवान चढ़ी. रंजना काम से लौट कर मोंटी के साथ कहीं बाहर घूमने निकल जाती. आखिरकार दोनों ही उस दौर से गुजर गए जिसे शादी से पहले वर्जित माना जाता है.

रंजना जैसी जाने कितनी लड़कियां हैं जो इमोशनल सपोर्ट के लिए अपनी वर्जिनिटी खो देती हैं. ऐसा शायद वे अपने उस साथ के कारण कर जाती हैं जिस से उन्हें भावनात्मक सपोर्ट मिलता है. वे उस सहारे पर इतना निर्भर हो जाती हैं कि लेटनाइट में उन्हें यही नहीं मालूम होता कि नशे की हालत में वे रात में किस के साथ सोईं या किस ने उन की इज्जत से खिलवाड़ किया क्योंकि इन जगहों में नशा करना, नशा कर के होश खो देना आम बात है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...