धर्म के बढ़ते व्यापार की वजह से अंधविश्वास की आड़ में तांत्रिकों का कारोबार इतनी तेज रफ्तार से फलफूल रहा है कि उन की जायदाद और नाम दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है.

यह बात बिहार के सिवान जिले के तांत्रिक असगर अली उर्फ मस्तान पर भी सौ फीसदी लागू होती है. झाड़फूंक करने वाला तांत्रिक असगर अली उर्फ मस्तान सिवान जिले के जीबी नगर तरवारा थाने के तहत गौरा इलाके में रहता था. जब उस के अड्डे पर पुलिस ने दबिश दी तो तकरीबन 67 लाख रुपए, विदेशी मुद्रा, एक पिस्टल, 12 जिंदा कारतूस, गैरकानूनी दवाएं, लैपटौप, रुपए गिनने की मशीन, सोनेचांदी के साथ हीरे के गहने, 500 और एक हजार के पुराने नोट, 4 मोबाइल फोन, तलवार, एयर गन, 2 बक्से में ऐक्सपायरी दवाएं, जिन में कोरैक्स जैसे सिरप भी थे, कई तरह के कागजात भी बरामद हुए. एक औरत समेत 3 लोगों को जंजीर में बंधा पाया गया था.

यह तांत्रिक झाड़फूंक कर लोगों को सताता भी था. जो लोग अंधविश्वास में इस के यहां इलाज कराने आते थे, उन के पैरों में लोहे की जंजीर बांध दी जाती थी.

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यह बाबा शारीरिक शोषण तक करता था. इस के यहां 11 महीने से इलाज करा रही एक औरत ने बताया, ‘‘मेरे परिवार वाले मुझे यहां ले कर आए थे और मस्तान के कहने पर मुझे इलाज के नाम पर यहां छोड़ दिया गया. यह बाबा रोज रात को मुझे मारता था. जब घर जाने के लिए मैं कहती थी तो और ज्यादा सताता था.’’

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