विजय और नीलू वर्ष पिछले 3 वर्षों एकदूसरे को जानते थे.पारिवारिक स्थितियों के कारण चूंकि विवाह करना तब संभव नहीं था इसलिए दोनों ने इंतजार करने का फैसला किया. हालांकि विवाह किए बिना भी उन के बीच शारीरिक संबंध कायम हो गए थे. शादी तो करनी ही है, यह सोच कर और नीलू को कभी आर्थिक परेशानी न हो, विजय ने नीलू के नाम से काफी प्रौपर्टी खरीदी और दोनों ने विवाह कर लिया.

उन का संबंध 2011 तक कायम रहा. इस बीच नीलू धीरेधीरे सारी प्रौपर्टी बेचती रही और सारा पैसा हड़पने के बाद वह उसे छोड़ कर भाग गई. विजय ने तलाक की अर्जी अदालत में दी जिस के जवाब में नीलू ने कहा कि उस से दहेज की मांग की जाती थी. विजय को इस वजह से 2 महीने कस्टडी में रहना पड़ा. अभी यह मामला अदालत में विचाराधीन है, लेकिन विजय पत्नी द्वारा लगातार दी जा रही मानसिक यातना को झेल रहा है. इस तरह के मामले में अधिकतर फैसले पत्नी के हक में ही जाते हैं और पत्नी द्वारा पति पर अत्याचार करना कोई अपराध नहीं माना जाता है.

दिल्ली के सरस्वती विहार में रहने वाले पतिपत्नी सुमित व मोनिका अरोड़ा की बात करें तो मोनिका आपसी मतभेद के चलते सुमित को तंग करती थी. मामले को सुलझाने के लिए सुमित ने अपने ससुर को बुलाया. उन्होंने सुमित को बहुत मारा जिस में उस की पत्नी की सहमति भी शामिल थी. उसे जान से मारने की धमकी भी दी. इसी आधार पर जब सुमित ने तलाक की अर्जी दी तो उस के ऊपर दहेज मांगने का इल्जाम लगाते हुए मोनिका ने मैंटेनैंस की मांग की. अंत में आपसी सहमति से दोनों के बीच तलाक हो गया, लेकिन सुमित आज तक पत्नी द्वारा दी गई पीड़ा से उबर नहीं पाया है.

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