आज फोन हमारे जीवन की जरूरत है. गांव हो या शहर फोन हमारे साथ हर वक्त रहता है. इस से जीवन आसान हो गया है. सब के पास फोन होने से हम घर के सभी सदस्यों, मित्रों तथा रिश्तेदारों से जुड़े रहते हैं. जब किसी स्थान पर बात करनासंभव न हो तो हम व्हाट्सऐप मैसेज द्वारा आसानी से बात कर सकते हैं. फोन के इस्तेमाल से हमारे समय, धन तथा ऐनर्जी की बचत होती है. उदाहरण के लिए बच्चों को होमवर्क पता करने के लिए मित्र के घर नहीं जाना पड़ता बल्कि व्हाट्सऐप द्वारा ही घर बैठेबैठे स्कूल का सारा होमवर्क पता चल जाता है.
किशोरकिशोरियां मनपसंद कपड़ों अथवा अन्य वस्तुओं का फोटो खींच कर एकदूसरे से पसंद करा लेते हैं. अब फोन केवल बात करने के लिए इस्तेमाल न हो कर, इंटरनैट के प्रयोग के लिए, मेल भेजने के लिए, फोटोग्राफी के लिए तथा अन्य कई प्रयोजनों के लिए भी इस्तेमाल होने लगा है.
लताजी की बेटी यूएसए में रहती है. उस के बेटे के जन्म पर लताजी वहां नहीं जा सकीं. उन की बेटी ने उन्हें बेटे के जन्म से ले कर नामकरण तक के सभी कार्यक्रमों के वीडियो भेज दिए तो उन्होंने यहां बैठेबैठे ही सब कुछ ऐंजौय कर लिया. मिस्टर आलम काफी बुजुर्ग हैं. वे बारबार डाक्टर के पास नहीं जा सकते इसलिए स्मार्टफोन के जरिए ही डाक्टर से वार्त्तालाप करते हैं. फोन के माध्यम से शौपिंग भी घर बैठेबैठे कर लेते हैं. उन्हें यह सब बहुत आसान लगता है.आज हमें भारी पर्स तथा कार्ड ले कर चलने की भी जरूरत नहीं. नैट बैंकिंग तथा पेटीएम जैसे ऐप्स के माध्यम से हम रुपयों का लेनदेन भी आसानी से कर सकते हैं.
कहने का तात्पर्य यह है कि एक छोटे से फोन में हमारी सारी दुनिया समाई हुई है और तो और हमें लाइब्रेरी जाने अथवा पुस्तकें खरीदने की भी आवश्यकता नहीं. अपने मनपसंद टीवी चैनल तथा फिल्में भी घर बैठे ही सुविधानुसार देखी जा सकती हैं.
आज स्मार्टफोन बच्चों से ले कर बूढ़ों तक सब की खास जरूरत बन गया है. इस की उपयोगिता तथा विशाल बाजार को देखते हुए विश्व की सैकड़ों कंपनियों ने ग्राहकों के लिए अनेक फीचर वाले सस्ते व महंगे स्मार्टफोन बाजार में उतारे हैं.
कंपनियां अपने मुनाफे के लिए अपने फोन के मौडल में दोचार महीने के भीतर ही अनेक परिवर्तन कर ग्राहकों को लुभाती रहती हैं. अपने पुराने मौडल को ही आधे से भी कम दाम पर ऐक्सचेंज औफर लाती रहती हैं. आज स्मार्टफोन 4-5 हजार रुपए से ले कर लाखों रुपयों तक में उपलब्ध हैं.
अकसर देखा गया है कि किशोर दिखावे के लिए नित नए फोन खरीदने की होड़ में लगे रहते हैं. वास्तव में गौर किया जाए तो इस दिखावे की दौड़ में शामिल न हो कर हमें अपने विवेक से काम लेना चाहिए. सभी को अपनी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ही फोन का चुनाव करना चाहिए. कोशिश यही करें कि महंगे फोन न खरीदें. युवा मेहनत से जो धन अर्जन कर रहे हैं उस का अधिकांश हिस्सा नएनए फोन खरीदने तथा उन का बिल चुकाने में ही खर्च कर देते हैं.
मोहित अभी ईको औनर्स करने के बाद एक प्राइवेट स्टार्टअप में डाटा एनलिस्ट के पद पर कार्यरत है.
उस के घर में उस के मातापिता तथा 2 छोटी बहनें हैं. पिता एक प्राइवेट कंपनी में 30 हजार रुपए मासिक की नौकरी करते हैं. उस के पास पहले ही एक फोन था. दोस्तों को दिखाने के चक्कर में उस ने पहली सैलरी मिलते ही 50 हजार रुपए का महंगा फोन खरीद लिया. सारे पैसे फोन पर लगा दिए और 10 दिन बाद ही औफिस आते वक्त उस का फोन कहीं खो गया. समझदारी इसी में थी कि मोहित अपना पुराना फोन ही इस्तेमाल करता और घर के अन्य जरूरी खर्चों में पिता की मदद करता. फोन पर पैसे खर्चना उस की जेब पर भारी पड़ा.
यह कहानी केवल मोहित की ही नहीं है बल्कि अधिकांश युवा छात्रछात्राएं अपनी कक्षा के अमीर बच्चों की देखादेखी अपने मातापिता को महंगे फोन दिलाने की जिद करते हैं और मातापिता भी उन्हें समझने में असमर्थ होते हैं. इतना ही नहीं, महंगे फोन को युवा ज्यादा इस्तेमाल भी नहीं करते बल्कि नया फोन लौंच होते ही अपने फोन की जगह नए फोन को देना चाहते हैं. ये महंगे फोन जेब पर भारी पड़ते हैं. यदि सोचसमझ कर चला जाए तो महंगे फोन रखने के शौक को बायबाय कर किशोर अपने धन को दूसरी जगह इस्तेमाल कर सकते हैं. जीवन के अगले पड़ाव में जब उन के पास धन नहीं रहेगा तो मानसिक अवसाद बढ़ता जाएगा. अत: जेब खाली करने वाले महंगे फोन रखने की आदत से सभी को बचना चाहिए.