औनलाइन ऐडमिशन, औनलाइन टैस्ट, औनलाइन आवेदन, औनलाइन ऐग्जाम, औनलाइन इंटरव्यू, औनलाइन डिस्कशन, औनलाइन कंसल्टैंसी, औनलाइन प्रैस्क्रिप्शन, औनलाइन सर्टिफिकेशन, औनलाइन पेमैंट यानी कैरियर और ऐजुकेशन की दुनिया में सबकुछ औनलाइन है. आज सचाई तो यह भी है कि सिर्फ कैरियर और ऐजुकेशन ही नहीं इस दौर की समूची लाइफ औनलाइन के पहियों पर चढ़ कर तेज रफ्तार से घूम रही है. शायद ही आज की तारीख में हमारी जीवनशैली का कोई ऐसा पहलू हो जो औनलाइन गतिविधि पर निर्भर न होे.
औनलाइन शौपिंग, औनलाइन टिकट रिजर्वेशन, औनलाइन होटल बुकिंग, औनलाइन बधाई, औनलाइन पूजा, औनलाइन मनोरंजन और यहां तक कि औनलाइन सैक्स, सबकुछ औनलाइन हो गया है. लगता है कोई आंधी आई है जिस में अब औफलाइन कुछ बचा ही नहीं. हमें किसी को होली, दीवाली, ईद आदि की मुबारकबाद देनी है तो भी औनलाइन. किसी को खाने पर बुलाना है तो भी ज्यादातर निमंत्रण औनलाइन. गीतसंगीत सुनना है तो भी औनलाइन का ही सहारा ले रहे हैं. कुल मिला कर हमारी जिंदगी के हर पहलू पर औनलाइन का कब्जा हो गया है.
लेकिन हम यहां कैरियर और ऐजुकेशन की बात कर रहे हैं, इसलिए अपनी बात इन्हीं क्षेत्रों पर फोकस रखेंगे. हालांकि आज भी ज्यादातर परीक्षाओं का रजिस्ट्रेशन औनलाइन के साथसाथ औफलाइन भी हो रहा है, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब रोजमर्रा की जिंदगी से औफलाइन की मौजूदगी बिलकुल गायब ही हो जाएगी. आज की तारीख में देश में राष्ट्रीय स्तर की 234 और प्रादेशिक स्तर की 700 से ज्यादा सरकारी, अर्धसरकारी परीक्षाएं होती हैं. इन सब में आवेदन औनलाइन अनिवार्य हो चुका है. उन तमाम परीक्षाओं के लिए सिर्फ औनलाइन आवेदन ही करना पड़ता है. सारे रिजल्ट औनलाइन हो गए हैं.
एक जमाना था जब रिजल्ट जारी होने के बाद भी 3-4 दिन तक पता ही नहीं चलता था. अखबारों में 20-20 पेज के स्पैशल पुलआउट छपते थे. स्कूल के सार्वजनिक बोर्ड में सफल हुए विद्यार्थियों के रोल नंबर चिपकाए जाते थे और अगर इन दोनों जगहों पर रोल नंबर नहीं होता था तो एक सांत्वना यह होती थी कि शायद मिसप्रिंट हो गया हो. लेकिन अब ऐसा नहीं है. रिजल्ट जारी होने के कुछ ही मिनटों या घंटों में हर छात्र अपना रिजल्ट देख लेता है. अब यहां न तो मिसप्रिंट होने की आशंका रहती है और न ही घर वालों को यह समझाने की कि मार्क्सशीट से पता चलेगा एक्चुअल पोजिशन क्या है.
दरअसल, अन्य चीजों की अपेक्षा ऐजुकेशन और कैरियर लगभग पूरी तरह से औनलाइन के गुलाम हो चुके हैं. औनलाइन को जरूरत कहें, मजबूरी कहें या शैली अब भविष्य में इस के बिना कैरियर और ऐजुकेशन की डगर की कल्पना करना भी नासमझी होगी. आज की तारीख में 80% से ज्यादा ऐंट्रैंस ऐग्जाम औनलाइन हो चुके हैं, जबकि ऐडमिशन के मामले में या रजिस्टे्रशन के संदर्भ में यह प्रतिशत बढ़ कर 98 के करीब पहुंच गया है. यह औनलाइन व्यवस्था ही है जिस के चलते आज समूचे हिंदुस्तान के किसी भी कोने में ऐडिमशन मिल सकता है और आप कहीं भी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं.
आमतौर पर पहले सरकारी क्षेत्र तकनीकी के मामले में निजी क्षेत्रों से पीछे रहे, लेकिन इन दिनों सरकारी क्षेत्र भी निजी क्षेत्रों की ही तरह तकनीकी के मामले में औनलाइन प्रेमी हो गए हैं. तीनों सेनाओं के लिए लगभग सारे रिक्रूटमैंट फौर्म औनलाइन भरे जाते हैं. हालांकि फौर्म अभी औफलाइन ही स्वीकार किए जा रहे हैं, लेकिन दिन पर दिन इस व्यवस्था को हतोत्साहित किया जा रहा है, क्योंकि इस का खर्च ज्यादा है. इस में ज्यादा श्रमशक्ति की जरूरत पड़ती है और तीव्रता की भी बेहद कमी है. यही वजह है कि आजकल सभी परीक्षाओं की तारीखें और उन के दिशानिर्देश सब औनलाइन ही जारी होते हैं.
अब निजी क्षेत्र की ही तरह तमाम सरकारी क्षेत्रों में भी औनलाइन इंटरव्यू का चलन शुरू हो गया है. पिछले दिनों डीआरडीओ ने अपने यहां कुछ भरतियों के लिए औनलाइन वीडियो इंटरव्यू सीधे इसरो हैडऔफिस बेंगलुरु से किए.
जहां तक प्राइवेट नौकरियों का सवाल है तो आजकल बड़ी और मझोली तकरीबन 80% नौकरियां औनलाइन चयन के जरिए ही दी जा रही हैं.
विभिन्न जौब वैबसाइट्स आज की तारीख में उसी तरह व्यस्त हैं जैसे मैट्रिमोनियल वैबसाइट्स काम के बोझ से दोहरी हैं. वास्तव में निजी क्षेत्र की तमाम नौकरियां वैबसाइट्स के जरिए ही दी जा रही हैं. खुद को नौकरी दिलाने वाली भारत की नंबर एक वैबसाइट नौकरी डौट कौम के मुताबिक वह हर महीने तकरीबन ढाई लाख लोगों को नौकरी मुहैया करवाती है और हर महीने उस के यहां रजिस्टर्ड करने या कराने वाले लोगों की संख्या 6 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है. निसंदेह इन में 50% से ज्यादा ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने दूसरी वैबसाइट्स में भी अपनेआप को रजिस्टर्ड किया है. इन सब के बावजूद वैबसाइट्स नौकरी दिलवा रही हैं? इस में अब दोराय नहीं है.
आज की तारीख में तकनीकी में पारंगत होना सफल कैरियर के लिए शायद इसलिए भी जरूरी हो गया है, क्योंकि सबकुछ औनलाइन हो गया है. आवेदन से ले कर इंटरव्यू और चयन तक की सारी कवायद औनलाइन है, जिस के कारण कैरियर की दुनिया में कदम रखने वाले छात्रों, प्रतियोगियों के लिए कंप्यूटर में दक्ष होना, कम से कम उस के कम्युनिकेशन इस्तेमाल में दक्ष होना अनिवार्य हो गया है. इस सदी के पहले दशक में एक जुमला काफी हिट हुआ था कि 21वीं सदी में कंप्यूटर न जानना इलिट्रेट होना है और अब यह कहना अनिवार्य हो गया है कि सिर्फ कंप्यूटर जानना ही सबकुछ नहीं है, अगर औनलाइन स्किल में आप शून्य हैं तो भी आप इलिट्रेट हैं. सिर्फ नौकरी ही नहीं बल्कि बहुत सारे डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स आज हम देशदुनिया की तमाम नामीगिरामी यूनिवर्सिटीज से कर सकते हैं और वह भी बिना कहीं गए और बिना किसी से मिले औनलाइन.
इग्नू सहित तमाम ओपन यूनिवर्सिटीज से आप बेकरी, डेयरी उत्पाद, वैब डिजाइनिंग जैसे सैकड़ों डिप्लोमा कोर्स घर बैठे औनलाइन कर सकते हैं. तमाम विदेशी विश्वविद्यालय और दूसरे प्रोफैशनल शैक्षिक संस्थान यह सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं. पढ़ाई के लिए आज जितनी विस्फोटक सुविधाएं हाल के कुछ सालों में उभर कर सामने आई हैं, उन में 80% औनलाइन हैं. आज आप घर बैठे 190 देशों के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में आवेदन कर सकते हैं या वहां उपलब्ध विभिन्न शैक्षिक पाठ्यक्रमों को औनलाइन पढ़ कर उन में डिग्री या डिप्लोमा हासिल कर सकते हैं. यह सुविधा पहले नहीं थी.
लब्बोलुआब यह कि आज कैरियर के लिए औनलाइन मुख्य इंजन बन गया है. इसलिए बिना औनलाइन दक्षता हासिल किए आप आज शैक्षिक और कैरियर की गतिविधियों को रफ्तार नहीं दे सकते. इसलिए यदि अभी तक आप औनलाइन गतिविधियों में रुचि नहीं ले रहे हैं तो तुरंत औनलाइन प्रेमी बन जाइए, क्योंकि आप के पास कंप्यूटर है या नहीं है. आप को इंटरनैट की सुविधा हासिल है या नहीं है. आप से अब यह सवाल कोई नहीं पूछने वाला. न तो कोई शैक्षिक संस्थान, न कोई एंप्लौयर. हर कोई औनलाइन की दिशा में ही आगे बढ़ेगा. यदि आप ने अभी भी अपनेआप को औफलाइन बनाए रखने का हठ किया तो औन होने के बजाय औफ ही बने रहेंगे?
औनलाइन कमाई भी संभव
आजकल सोशल नैटवर्किंग साइट्स पर औनलाइन अर्निंग के विज्ञापनों की भरमार रहती है लेकिन ये सभी विज्ञापन यकीन करने के लायक नहीं होते. बहरहाल, आप नकारात्मक सोचने के बजाय सकारात्मक सोच से काम शुरू करें. इस में कोई दोराय नहीं कि औनलाइन कमाई संभव है, मगर इस के लिए कुछ बातें गांठ बांधनी होंगी. डैडलाइन, ऐक्यूरेसी और क्वालिटी. आप कहेंगे ये सब तो औफलाइन काम के लिए भी जरूरी हैं. लेकिन काम चाहे जिस पद्धति से किया जाए हर जगह ये 3 पैमाने जरूरी हैं.
औनलाइन काम मिलना इसलिए शुरू हुआ कि विदेशों में श्रम काफी महंगा है, जबकि भारत में काफी सस्ता है. इसलिए तमाम कंपनियां जो अपनी उत्पादन लागत कम करना चाहती हैं, भारत जैसे देशों से औनलाइन काम कराती हैं. मगर अगर एंप्लौयर सामने नहीं है तो इस का मतलब यह नहीं है कि आप कैसा भी काम कर के दे दें. जब मन आए तब करें और काम में एक्यूरेसी न हो. जी हां, ऐसा बिलकुल नहीं चलेगा. औनलाइन कमाई के लिए और भी कुछ बातें ध्यान में रखनी जरूरी हैं. तो सब से पहले उन वैबसाइट्स की लिस्ट बनाएं जहां से आप को फ्रीलांसिंग के तौर पर काम मिल सकता है. इंटरनैट पर ऐसी अनेक साइट्स उपलब्ध हैं, बस, आप को अपनी जरूरत के अनुसार इन्हें ढूंढ़ना है.