राजस्थान का जैसलमेर जिला अपनी खास विशेषताएं रखता है. भारत वहां पोखरण इलाके में परमाणु बम का टैस्ट कर चुका है. जबजब देश पर संकट के बादल मंडराए, वहां के मुसलिम एकजुट नजर आए और देशभक्ति दिखाई. वहां मुसलिमों की तादाद लाखों में है. उन के अपने रिवाज हैं. शादियां अपने ही समाज में पैसे ले कर या दे कर की जाती हैं.
जिस शख्स के पास 4 बेटियां हैं, वह उन चारों की शादी जहां करता है, उन से लाखों रुपए लेता है. वहां बेटियों वाले लखपति माने जाते हैं. ऐसे भी लोग हैं, जो बेटी का एक रुपया भी लड़के के पक्ष से नहीं लेते हैं. वैसे, इतने रुपए दे कर की गई शादियां कभी टूटती नहीं.
पुलिस के एक रिकौर्ड के मुताबिक, जैसलमेर में 17 जून तक तीन तलाक का एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ. यहां जो जीवनसाथी बन गया, वही ताउम्र मंजूर होता है.
ऐसे समाज में जब तीन तलाक का एक केस चर्चा में आया, तो जैसलमेर जिले में मानो भूचाल सा आ गया. लोग सकते में आ गए. वे कहने लगे कि यह सब टैलीविजन की देन है.
नगीना, जो गफूर भट्टा, जैसलमेर में अपने अब्बा के घर ससुराल जोधपुर से आई थी, को जुलाई, 2017 के दूसरे हफ्ते में पति अब्दुल ने फोन पर तीन तलाक कह दिया और पतिपत्नी का रिश्ता 3 सैकंड में तोड़ दिया.
नगीना की अम्मी सायरा पिछले एक साल से मायके बैठी नगीना और उस की फूल सी मासूम बेटी को देखदेख कर अंदर ही अंदर घुल रही थीं. नगीना के अब्बा बीमार रहने लगे थे.