समाज में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें लगता है कि आज समाज को लड़कियों की जरूरत नहीं है. तभी तो मां के गर्भ में लड़की है यह बात पता चलते ही उसको मां के गर्भ में ही मार दिया जाता है. क्या महिला ना रहे तो पुरुषों की जिंदगी अच्छी खासी चलते रहेगी? तो आइए जानते हैं.
मध्यप्रदेश में एक गांव है शिवपुर. जहां पर विनय नामक व्यक्ति रहता था.विनय के पास ढेर सारी संपत्ति थी. उसके पास जमीन जायदाद की कमी नहीं थी.घर का बड़ा बेटा होने के कारण विनय के ऊपर कई सारी जिम्मेदारियां थी. इसलिए उसने कभी शादी करने के बारे में नहीं सोचा. लेकिन 40 पार करते ही विनय को एक पत्नी की कमी महसूस होने लगी. उम्र ज्यादा बढ़ जाने के कारण विनय को कोई लड़की नहीं मिली. जिससे वह शादी कर पाता.
थका हारा विनय को फिर एक दिन उसके दोस्तों ने धड़िया प्रथा के बारे में बताया. उन्होंने शिवपुर गांव के इस प्रथा के बारे में बताते हुए कहा कि वह एक स्टांप पेपर पर साइन करके अपनी मनपसंद लड़की को अपनी पत्नी बना सकता है.
यह बात सुनते ही विनय उस गांव में गया.वहां पर उसने एक लड़की पसंद की फिर एक रकम तय किया. रकम तय करते ही उसने 10 रुपए के स्टांप पेपर पर साइन किया. फिर उस लड़की को कुछ समय के लिए अपनी पत्नी बना कर ले गया.
दरअसल धड़िया प्रथा एक ऐसी प्रथा है जहां पर कोई भी पुरुष अमीर हो या गरीब अपनी मनपसंद लड़की को पसंद करके एक रकम तय करता है. फिर एक स्टांप पेपर पर साइन करके उससे कुछ समय के लिए अपने साथ उसे पत्नी बनाकर अपने घर ले जाता है. वह लड़की पत्नी बन कर हर कर्तव्य निभाती है.लेकिन जरूरी बात यह है कि दोनों एक दूसरे से शादी नहीं करते. यानी बिना शादी किए दोनों एक दूसरे के साथ पति पत्नी की तरह रहते हैं.