देश के अब के बहुचर्चित श्रद्धा के केंद्र मंदिरों में एक खाटू श्याम जो कि राजस्थान में स्थित है में हुई दुर्घटना यह बताती है कि हम चाहे जितनी कोशिश करें यह दुर्घटनाएं होती रहेंगी क्योंकि हम धर्म के अंध पथिक हैं और सुधारना नहीं चाहते या फिर हमें कोई ऐसी ताकत नहीं जो सही रास्ते पर ला सके. हम धर्म के अंधेरे कुएं में रहने के आदी हैं और हमारा देश कुछ इस तरह रचा बसा है कि जीवन में सबसे पहले है धार्मिक आडंबर और इस सब में फंसकर हम दुनिया में जो विकास हो रहा है वैज्ञानिक अनुसंधान हो रहे हैं पिछड़ते चले जाएंगे.

खाटू श्याम बाबा में हुई दुर्घटना एक बार फिर यह हमें बता गई है कि हम अभी भी कई सौ साल पहले जिंदगी जी रहे हैं जो दुर्घटना नहीं होनी चाहिए वह भी हम भुला करके धन और जन दोनों की हानि करने में लगे हुए हैं.

खाटू श्याम के मासिक मेले में 8 अगस्त को सुबह पांच बजे भगदड़ मच गई, इस घटना में 3 महिला भक्तों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तमाम लोग घायल हो गए.सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया .

दरअसल, एकादशी का दिन होने के कारण काफी भीड थी फिर जब मंदिर का प्रवेश द्वार खोला गया तो भीड़ का दबाव बढ़ने से भगदड़ मची थी. फिलहाल जैसा कि हमेशा होता रहा है मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं और सभी घायलों को बेहतर इलाज भी किया जा रहा है.

अगर हम इतिहास देखें तो धार्मिक स्थलों पर बार बार दुर्घटनाएं होती रहती हैं और लोग बिला वजह मृत्यु को प्राप्त होते हैं इस पर न तो समाज संज्ञान देता है और ना ही कोई धार्मिक संस्थान. इसका कोई दोषी भी आज तक सिद्ध नहीं पाया गया है, जिसे सजा दी जाए. दरअसल ऐसे मामलों में पुलिस प्रशासन सरकार और न्यायालय भी मौन धारण किए हुए हैं.

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