एक बार एक मधुमक्खी-पालक था जिसने मधुमक्खियों के लिए बहुत अच्छा स्थान बनाया था. वह मधुमक्खियों की अच्छी देखभाल करता था और मधुमक्खियां पित्ती में बहुत सारा शहद इकट्ठा करती थी.
एक बार मधुमक्खी-पालक किसी जरूरी काम के लिए बाजार गया और गलती से मधुमक्खियों के घर को बिना सुरक्षा के छोड़ दिया . मधुमक्खियां शहद इकट्ठा करने के लिए गई थीं .
दुर्भाग्यवश, एक चोर वहां आया और वहां पर किसी को न देखकर उसने सारा शहद चुरा लिया और अपने घर को भाग गया.
जब मधुमक्खी- पालक वापस आया, तो वह सभी मधुमक्खी के छत्ते को खाली देखकर परेशान हो गया. तभी मधुमक्खियां अपने मुंह में अधिक शहद लेकर लौटीं. अपने पित्ती को पलटा हुआ देख उनको लगा की मधुमक्खी पालक चोर है और उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे उस पर हमला कर दिया.
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मधुमक्खी पालने वाले ने रोते हुए कहा, "मुझे दंड देने से पहले आपको चोर को देखना चाहिए था."
दोस्तों ये तो एक कहानी है पर हकीकत इससे कहीं ज्यादा बड़ी है.हम एक ऐसे देश में रह रहे है जहां हमें अपनी बात पूर्ण स्वतंत्रता से कहने का अधिकार है.पर फिर भी न जाने क्यों हम बिना कुछ सोचे समझे एक भेड़ चाल में चलते रहते है. हमारी इसी बात का बड़े-बड़े राजनेता फायदा उठाते है.
आज CAA और NRC के विरोध में देश में हर तरफ दंगे भड़क रहे है .लोग सड़कों पर उतर आये है .देश में एक अजीब सा माहौल बन गया है और हमारें नेताओं ने इसे प्रोटेस्ट का नाम दिया है.